हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी में सर्वसम्मति नहीं बन पाई। शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास हुआ है। बताया जाता है कि, सीएम पर फैसला आलाकमान करेगा। कांग्रेस पर्यवेक्षको ने विधायकों से वन टू वन मुलाकात की।
विधायक दल की बैठक में कांग्रेस हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, कांग्रेस के दो पर्यवेक्षक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा मौजूद रहे। साथ ही हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा वीरभद्र सिंह सहित सभी नवनिर्वाचित विधायक भी पहुंचे। बैठक से पहले प्रतिभा सिंह और चुनाव अभियान समिति के प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे लगाए।
पर्यवेक्षक भूपेश बघेल का काफिला भी प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने रोक लिया था। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को सीएम पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। लोकसभा सांसद प्रतिभा सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन प्रदेश प्रमुख के रूप में पार्टी का नेतृत्व किया। वह अपने पति वीरभद्र सिंह के वफादार विधायकों के समर्थन का दावा कर चुकी हैं। पिछले साल वीरभद्र सिंह की जुलाई में मृत्यु हो गई थी।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री को भी सीएम पद के दावेदारों के रूप में देखा जा रहा है। सुक्खू ने कहा कि मैं सीएम उम्मीदवार नहीं हूं। मैं कांग्रेस पार्टी का अनुशासित सिपाही व कार्यकर्ता व विधायक हूं। पार्टी आलाकमान का फैसला अंतिम होगा। बता दें कि 8 दिसंबर को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजों में 68 में से 40 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है। बीजेपी ने 25 सीटें जीतीं, जबकि तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे हैं।