राजस्थान में कांग्रेस की अगुवाई वाली अशोक गहलोत की सरकार में बगावत के करीब एक महीने बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट जयपुर पहुंचे। मंगलवार को राजधानी जयपुर पहुंचने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है और इसको लेकर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं करनी चाहिए। पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "किसी भी तरह की प्रतिशोध की राजनीति नहीं होनी चाहिए।"
कांग्रेस में बागी रुख अख्तियार करने वाले नेता सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है और दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए गए थे। पायलट ने आगे कहा, "मैंने पार्टी से किसी पद की मांग नहीं की है।"
हालांकि, पायलट ने कहा कि वो अपने खिलाफ दिए गए बयान को लेकर हैरान हैं। पायलट ने कहा, "मेरे खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, उससे मैं दुखी, स्तब्ध और आहत हूं।" उन्होंने कहा कि राजनीति में "व्यक्तिगत लाचार भावनाओं" के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए और किसी भी प्रतिशोध की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
14 अगस्त से शुरू होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा सत्र से पहले पायलट और राहुल गांधी के बीच सोमवार को राजस्थान में लगभग एक महीने के लंबे राजनीतिक संकट के अंत होने के संकेत मिले थे।