मध्य प्रदेश में इस साल विधान सभा चुनाव होने है जिसको लेकर राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है। राज्य की कद्दावर नेता और मध्यप्रदेश समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष पद्मा शुक्ला ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया। ऐसे में पिछले करीब 15 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने बोर्ड के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया है।
राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुई पद्मा शुक्ला ने कहा कि वह राज्य सरकार में मंत्री संजय पाठक के साथ दो साल से काम करने की कोशिश कर रही थी लेकिन ऐसा करना मुश्किल हो गया। वह अक्सर भाजपा कार्यकर्ताओं को उत्पीड़न करते रहे। यह मेरी काफी कष्टकारी और मेरे सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला था जिसके चलते मुझे भाजपा छोड़नी पड़ी। इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को भेजे इस्तीफे में उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद जिस तरह से उनकी उपेक्षा की गई उसकी वजह से वह इस्तीफा दे रही हैं। वह सामाजिक कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष थी और उन्हें राज्य में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था। उन्होंने बोर्ड के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया।
विजयराघवगढ़ की कद्दावर नेता
पद्मा शुक्ला विजयराघवगढ़ से भाजपा की कद्दावर नेता के रूप में जानी जाती हैं। पद्मा शुक्ला 2013 विधानसभा चुनाव में विजयराघव गढ़ से भाजपा की उम्मीदवार थीं। उन्होंने पिछली बार संजय पाठक के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उस समय वह कांग्रेस में रहे संजय पाठक से 935 वोटों से चुनाव हार गई थीं। पद्मा शुक्ला का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब प्रधानमंत्री मोदी मध्य प्रदेश के दौरे पर आने वाले हैं। कांग्रेस के नेता संजय पाठक के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही इस क्षेत्र के लगभग सभी भाजपा नेता अब मंत्री पाठक के खिलाफ खुलकर लामबंद हो रहे हैं। अगले चुनाव में संजय पाठक और पद्मा शुक्ला दोनों फिर से आमने सामने हो सकते हैं लेकिन इस बार दोनों की पार्टियों भी बदली हुई होंगी।