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राहुल गांधी ने कहा, 'रक्षा सौदे में घूसखोरी पर ‘मोदी’ अफसरों पर हो एक्शन'

यूक्रेन के साथ रक्षा सौदे में घूसखोरी के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर...
राहुल गांधी ने कहा, 'रक्षा सौदे में घूसखोरी पर ‘मोदी’ अफसरों पर हो एक्शन'

यूक्रेन के साथ रक्षा सौदे में घूसखोरी के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कथित घूसखोरी मामले में शामिल रक्षा मंत्रालय के अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले को गंभीर बताते हुए रक्षा मंत्री से पांच सवालों पर जवाब मांगा है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है, ‘रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों पर लाखों डॉलर की घूस लेने का आरोप है। मोदी जी खुद को चौकीदार बताते है, आप ‘मोदी’ अफसरों पर तुरंत कार्रवाई करें।’

इससे पहले प्रेस कांफ्रेस कर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वायुसेना के कलपुर्जों की खरीद में ग्लोबल मार्केटिंग को तथाकथित तौर पर दुबई में साढ़े 17 करोड़ रुपये की घूस दी गई। कलपुर्जों की आपूर्ति का एक समझौता भारत के रक्षा मंत्रालय और यूक्रेन की कंपनी स्पेट्सटेक्नोएक्सपोर्ट के बीच हुआ था। यूक्रेन के नेशनल एंटी करप्शन ब्यूरो ने गृह मंत्रालय को खत लिखकर इस मामले में मदद मांगी है। 

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यूक्रेन के नेशनल एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि ग्लोबल मार्केटिंग कंपनी के नूर इस्लामिक बैंक के खाते में ये घूस की रकम ट्रांसफर की गई है। आरोप है कि 13 अगस्त 2015 को स्पेट्सटेक्नोएक्सपोर्ट से ग्लोबल कंपनी के साथ एचएएल को कलपुर्जे आपूर्ति करने के लिए दूसरे समझौते के तहत रक्षा मंत्रालय के अफसरों को 17.5 करोड़ रुपये की घूस दी गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि क्या ये बात सही है कि कांट्रैक्ट की शर्तों के पूरा न होने के बावजूद उस कांट्रैक्ट को मुकम्मल किया, जिसके चलते ग्लोबल मार्केटिंग के खाते में घूस की रकम जमा हुई? क्या ये बात सही है कि फरवरी 2018 में यूक्रेन ने भारत सरकार को मदद के लिये ऐसा कोई खत लिखा है? सरकार को औपचारिक तौर पर इसका जवाब देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पीएम चार साल तक ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ का बखान करते रहे तो यह मामला संज्ञान में आने के बाद संसद के समक्ष और जनता के समक्ष क्यों नहीं रखा गया? क्या रक्षा मंत्रालय ने इस कथित भ्रष्टाचार की खबर सामने आने के बाद कोई जांच बैठाई है या अभी तक कोई कार्रवाई की है या नहीं? राफेल सौदे में गोपनीयता की शर्तों की आड़ में जिस प्रकार से सच्चाई को छुपाया गया, हमें उम्मीद है कि इस मामले में सरकार गोपनीयता की आड़ में छुपने की कोशिश नहीं करेगी तथा रक्षा मंत्री सभी सवालों के जवाब देंगी।

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