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'रामजी' पर आपत्ति है तो गांधी जी के स्मारक से 'हे राम' शब्द हटाए विपक्ष: उमा भारती

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम में 'रामजी' जोड़े जाने के बाद से राज्य में राजनीति गरमा गई...
'रामजी' पर आपत्ति है तो गांधी जी के स्मारक से 'हे राम' शब्द हटाए विपक्ष: उमा भारती

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम में 'रामजी' जोड़े जाने के बाद से राज्य में राजनीति गरमा गई है। विपक्षी पार्टियां इस मसले को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमलावर है। अब केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने विपक्षी पार्टियों को इस मसले पर घेरा है।

उमा भारती ने विपक्षियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीति के लिए सपा और बीएसपी समाज को बांटने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर मायावती, ममता बनर्जी और सोनिया गांधी को लगता है कि 'राम' के नाम पर राजनीति की जा रही है, तो सबसे पहले उन्हें गांधी जी के स्मारक से 'हे राम' शब्द हटा देना चाहिए।  उन्होंने कहा कि दुख की बात ये है कि बीएसपी और कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।

योगी सरकार का ये फैसला गेम प्लान 

गौरतलब है कि सरकार के इस कदम पर समाजवादी पार्टी के नेता दीपक मिश्रा ने इसे बीजेपी का सियासी समीकरण करार दिया था। उन्होंने कहा था कि पिछले काफी समय से राम नाईक भीमराव के नाम को बदलने की बात कह रहे थे, लेकिन इस पर कभी गंभीरता से विचार नहीं किया गया। बाबा साहेब के नाम के साथ 'रामजी' जोड़कर योगी सरकार के इस फैसले को उन्होंने गेम प्लान बताया था।

 

राज्यपाल ने दिए निर्देश

 

सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए राज्यपाल राम नाईक ने कहा था कि बाबासाहेब का नाम गलत लिखा जा रहा है। संविधान की 8वीं अनुसूची की मूल प्रति का जिक्र करते हुए राज्यपाल राम नाईक ने कहा था कि बाबा साहेब ने अपना नाम 'डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर' लिखा है। इसलिए, उन्होंने नाम को सही किए जाने के निर्देश दिए थे।

 

 

 

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