कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने लोकसभा में अध्यक्ष के चुनाव के दौरान मत विभाजन पर जोर नहीं दिया ताकि आम सहमति और सहयोग की भावना प्रबल हो।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने साथ ही यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में इसी भावना की कमी है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। वह दूसरी बार इस उत्तरदायित्व को संभाल रहे हैं।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कोडिकुन्निल सुरेश के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया। ध्वनि मत से चुनाव कराया गया। उन्होंने कहा, इंडिया गठबंधन के घटक दल मत विभाजन के लिए जोर दे सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वे चाहते थे कि आम सहमति और सहयोग की भावना प्रबल हो, जिसका प्रधानमंत्री और राजग के कार्यों में स्पष्ट रूप से अभाव होता है।
#WATCH आज हुए लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "...मैं आपको औपचारिक तौर से कह रहा हूं, हमने (मत) विभाजन नहीं मांगा...हमने इसकी मांग इसलिए नहीं की क्योंकि हमें यह उचित लगा कि पहले दिन एक आम सहमति बने, एक आम सहमति का माहौल बने। यह हमारी ओर से एक रचनात्मक… pic.twitter.com/FSazFBQ35b
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2024