कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने टेलीफोन के जरिए विभिन्न राज्यों के जिला अध्यक्षों से बात करके जमीनी स्तर पर फीडबैक लिया। जिसमें अधिकांश जिला अध्यक्षों ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता, वरिष्ठ नेताओं की लॉबिंग और अहंकार सबसे बड़ी समस्या है।
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने जिला अध्यक्षों से कहा कि वे स्थानीय मसलों पर जनता के साथ खड़े हों और जनता से जुड़े मुद्दों पर आंदोलन छेड़ें।
सिफारिश पर होती है नियुक्ति
संगठनात्मक मजबूती के लिए गए इस फीडबैक में जिला अध्यक्षों ने कहा कि अधिकांश वरिष्ठ नेता अहंकारी हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं से संपर्क तक नहीं करते। जिला स्तर के नेता अनुशासन भी बनाकर नहीं रखते क्योंकि ज्यादातर की नियुक्ति वरिष्ठ नेताओं की सिफारिश पर होती है जिसके चलते जिला स्तर की इकाई को लेकर वह कोई चिंता नहीं करते। कुछ इसी तरह की बात उड़ीसा के नेताओं ने की, अक्सर वरिष्ठ नेता से मिलना मुश्किल रहता है।
पार्टी का एजेंडा होता है प्रभावित
पश्चिम बंगाल के जलपाईंगुड़ी के जिला स्तर के कार्यकर्ता ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं में काफी अंहकार रहता है और वे लोगों के साथ मीटिंग करने में दिलचस्पी नहीं रखते जिसके चलते पार्टी का एजेंडा प्रभावित होता है।तेलंगाना के वारंगल जिला इकाई के एक नेता ने कहा कि वरिष्ठ नेता उनकी कोई चिंता नहीं करते क्योंकि वे हैदराबाद और दिल्ली में लॉबी से जुड़े रहते हैं और उसी स्तर पर टिकट का वितरण होता है।
'जिला अध्यक्ष पार्टी की रीढ़ हैं'
इसे सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी में काफी अनुशासनहीनता की बातें सामने आई हैं और आश्वासन दिया कि फैसलों में जिला स्तर की इकाई को जरूर तवज्जो दी जाएगी। जिला अध्यक्ष पार्टी की रीढ़ हैं और मैं चाहता हूं कि जिला और ब्लाक स्तर पर संगठन की मजबूती की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
साथ ही, उम्मीद करता हूं कि जिला अध्यक्ष पार्टी में अनुशासन बनाए रखेंगे। जिला स्तर के नेता लोगों से जुड़ें। उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता के मामले राज्य इकाई को बताए जाएं और मामला नहीं सुलझे तो जिला अध्यक्ष फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।