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'जननायक तय करना मोदी का काम नहीं, यह जनता का अधिकार है': कांग्रेस

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (बीपीसीसी) के अध्यक्ष राजेश कुमार ने शनिवार को कहा कि लोकसभा में नेता...
'जननायक तय करना मोदी का काम नहीं, यह जनता का अधिकार है': कांग्रेस

बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (बीपीसीसी) के अध्यक्ष राजेश कुमार ने शनिवार को कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ‘जननायक’ हैं या नहीं, यह तय करने का अधिकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नहीं है, बल्कि जनता ने ही उन्हें यह उपाधि दी है।

उन्होंने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान पर की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘सोशल मीडिया ट्रोल किसी को जननायक नहीं बना सकते’’ और बिहार की जनता को सावधान किया था कि ‘‘जननायक’’ की उपाधि ‘‘चुराने’’ की कोशिश हो रही है।

उल्लेखनीय है कि ‘‘जननायक’’ का संबोधन पूर्व मुख्यमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित कर्पूरी ठाकुर से जुड़ा रहा है।

कुमार ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय ‘सदाकत आश्रम’ में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी को जनता जननायक और न्याय योद्धा कह रही है। प्रधानमंत्री उन्हें इस मामले में आदेश नहीं दे सकते। यह जनता का अधिकार है, न कि मोदी का।’’

उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग की टीम को ज्ञापन सौंपा, जो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में राज्य के दौरे पर थी।

कुमार ने कहा, ‘‘हमने आयोग को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर अपनी आपत्तियां बताई हैं। अंतिम मतदाता सूची में कई गड़बड़ियां हैं। उदाहरण के तौर पर, एक बूथ में एक ही मकान के 100 से अधिक लोगों को मतदाता दिखाया गया है। हमने यह चुनौती भी दी कि आयोग बताए कि उसने कितने विदेशी नागरिकों को गलत तरीके से मतदाता के रूप में दर्ज पाया है।’’

इस मौके पर कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाएं लंबे समय में बनती हैं, लेकिन यदि ये स्वायत्त निकाय निष्पक्ष तरीके से काम करना बंद कर दें तो उनकी साख पल भर में खो जाती है।’’

उन्होंने खेद व्यक्त किया कि ‘‘आयोग अक्सर हमारे नेता राहुल गांधी या कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों पर चुप रहता है, लेकिन केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तुरंत सक्रिय हो जाती है। इससे बहुत गलत संदेश जाता है।’’

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एसआईआर को लेकर सारी आपत्तियां आयोग के सामने रखी गई हैं, लेकिन इन्हें उच्चतम न्यायालय के समक्ष भी प्रस्तुत किया जाएगा, जहां इस प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई की संभावना है।

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