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'जेल वाला' अब 'बेल वाला' सीएम, सुप्रीम कोर्ट ने कट्टर बेईमान केजरीवाल को आईना दिखाया है: भाजपा

भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे...
'जेल वाला' अब 'बेल वाला' सीएम, सुप्रीम कोर्ट ने कट्टर बेईमान केजरीवाल को आईना दिखाया है: भाजपा

भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें केवल सशर्त जमानत दी है और वह आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बने हुए हैं।

भाजपा की यह प्रतिक्रिया शीर्ष अदालत द्वारा सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में केजरीवाल को जमानत दिए जाने के बाद आई है और कहा है कि लंबे समय तक जेल में रखना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण वंचना है।

पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर 'कट्टर बेईमान' आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को आईना दिखाया है। उन्हें सशर्त जमानत मिली है। 'जेल वाला' सीएम अब 'बेल वाला' सीएम है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अरविंद केजरीवाल सीएम को दिल्ली की जनता की आवाज पर इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि उनमें नैतिकता का एक कतरा भी नहीं है। वह कहते थे कि आरोप लगने पर भी राजनेता को इस्तीफा दे देना चाहिए। और अब वह जमानत पर बाहर हैं, वह 6 महीने जेल में रहे, लेकिन वह इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। भ्रष्टाचार युक्त, सीएम अभियुक्त। अब वह आरोपी की श्रेणी में हैं।"

उन्होंने कहा, "अदालत में उनकी दलील थी कि उनकी गिरफ़्तारी अवैध है। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि अपीलकर्ता की गिरफ़्तारी में कोई अवैधता नहीं है। गिरफ़्तारी संवैधानिक थी। सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के दुष्प्रचार को ध्वस्त कर दिया। अरविंद केजरीवाल को कभी किसी अदालत से राहत नहीं मिली और न ही कोई आरोप रद्द हुआ। उन्हें बरी नहीं किया गया। बरी होने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि मुकदमा चलता रहेगा। आम आदमी पार्टी को जवाब देना होगा कि अरविंद केजरीवाल इस्तीफ़ा क्यों नहीं दे रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ़ भाजपा की ज़ीरो टॉलरेंस नीति है। भ्रष्ट अरविंद केजरीवाल एक दिन झुकेंगे और जनता उनसे इस्तीफ़ा ले लेगी।"

गौरव भाटिया कहते हैं, "सशर्त ज़मानत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अन्य आरोपियों के ज़मानत आदेश की शर्तें अरविंद केजरीवाल पर भी लागू होंगी। इसलिए मनीष सिसोदिया के ज़मानत आदेश के अनुसार अरविंद केजरीवाल का पासपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के पास रहेगा और वे विदेश यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। अरविंद केजरीवाल को हफ़्ते में दो बार यानी हर सोमवार और गुरुवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा। वे गवाह से बात नहीं कर सकते।"

उन्होंने कहा, "12 जुलाई के ईडी के मामले में जमानत आदेश के अनुसार, वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे। यह सीएम सीएम कार्यालय नहीं जा सकते। जब तक एलजी से मंजूरी की आवश्यकता न हो, वह किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। वह वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के बारे में कोई बयान नहीं देंगे। वह किसी भी गवाह से बातचीत नहीं कर सकते हैं या मामले से जुड़ी आधिकारिक फाइलों तक उनकी पहुंच नहीं होगी।"

सीबीआई के खिलाफ 'पिंजरे का तोता' टिप्पणी पर भाजपा नेता ने कहा, "कोयला घोटाले के समय भ्रष्ट कांग्रेस ने सीबीआई को 'पिंजरे का तोता' बना दिया था। सीबीआई 'पिंजरे का तोता' नहीं है। 'आज बाज बन चुका है, भ्रष्टाचारियों को नोच रहा है, काट रहा है, इसलिए भ्रष्टाचारियों को दर्द हो रहा है'।"

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "अरविंद केजरीवाल को आज जमानत मिल गई है। मैं कहना चाहूंगा कि आप 'जमानती क्लब' बन गई है और अरविंद केजरीवाल का वहां स्वागत है। सुप्रीम कोर्ट ने बहुत गंभीर टिप्पणियां की हैं, उसने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी कानूनी थी और अगर यह कानूनी थी तो अदालत आबकारी नीति घोटाले में जांच एजेंसियों द्वारा अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए तथ्यों और सबूतों से संतुष्ट है। जमानत का मतलब बरी होना नहीं है, यह एक अदालती प्रक्रिया है और सभी को जमानत मिलती है - इसका सबसे बड़ा उदाहरण लालू यादव हैं। अरविंद केजरीवाल भी अपवाद नहीं हैं। चीजें अदालत के सामने हैं, मुझे लगता है कि जिस दिन उन्हें दोषी ठहराया जाएगा, केजरीवाल और उनके सहयोगियों को सजा मिलेगी।"

उन्होंने कहा, "हम आग्रह करते हैं कि अगर उनमें थोड़ी भी नैतिकता बची है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। अरविंद केजरीवाल और आप का कोई नैतिक चरित्र नहीं है। वे 'सत्यमेव जयते' के सही अर्थ से कोसों दूर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि गिरफ्तारी कानूनी थी। इसके बावजूद अगर आप 'सत्यमेव जयते' कहते हैं - ऐसा 'सत्यमेव' आपको मुबारक।"

गौरतलब है कि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा कि लंबे समय तक जेल में रखना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण वंचना है। शीर्ष अदालत ने केजरीवाल को 10 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी।

साथ ही केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने पर कुछ शर्तें भी लगाईं, कहा कि वह इस मामले के बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करेंगे। जब तक उन्हें छूट नहीं दी जाती, उन्हें ट्रायल कोर्ट के समक्ष सभी सुनवाई में उपस्थित रहना होगा।

न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने एक अलग फैसले में केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई की इस तरह की कार्रवाई गिरफ्तारी के समय पर गंभीर सवाल उठाती है और सीबीआई की इस तरह की गिरफ्तारी से ईडी मामले में दी गई जमानत को झटका लगा है।

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