केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं। उनका शीघ्र ही ऑपरेशन कराया जा सकता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार इसकी वजह से उनका अगले सप्ताह लंदन जाने का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया है। यह जानकारी मंत्री से जुड़े करीबी सूत्रों ने दी। उन्होंने बताया कि 65 वर्षीय जेटली की जांच की जा रही है और इलाज किया जा रहा है। हालांकि मंत्री को अभी अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है पर इंफेक्शन की आशंका से उन्हें बाहर नहीं जाने की सलाह दी गई है।
वह पिछले सोमवार से ऑफिस भी नहीं जा रहे हैं और उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद अभी तक राज्यसभा की सदस्यता की शपथ नहीं ली है। 58 नए सदस्यों में से 55 अभी तक शपथ ले चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें घरेलू और विदेशी दौरे टालने पड़ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में वह उन दो सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं जा पाएं हैं जिनमें वे वक्ता के रूप में शामिल थे।
जेटली पिछले माह भी अर्जेंटीना में 20 देशों के समूह के वित्त मंत्रियों की बैठक में नहीं गए थे। उन्हें अगले सप्ताह लंदन में आयोजित हो रहे 10वें ब्रिटेन-भारत आर्थिक और वित्तीय वार्ता में भाग लेना था। इसके अलावा उन्हें 12 अप्रैल को कैथम हाउस में ‘लुकिंग अहेड टू 2022: इंडियाज ग्लोबल विजन’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण देना था। उनके नहीं आने के कारण यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
सूत्रों ने बताया कि जेटली के स्वास्थ्य खराब होने का कारण 2014 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद कराई गई बैरिएट्रिक सर्जरी भी हो सकती है। उन्होंने लंबे समय तक डायबिटीज के कारण बढ़ते वजन से छुटकारा पाने के लिए यह सर्जरी कराई थी। उनकी यह सर्जरी मैक्स हॉस्पिटल में कराई गई थी पर परेशानियों के कारण उन्हें एम्स में स्थानांतरित करना पड़ा था।
सूत्रों के अनुसार एम्स के डॉक्टर घर पर ही जेटली का इलाज कर रहे हैं। अभी इस बात का आखिरी फैसला नहीं हुआ है कि किडनी ट्रांसप्लांट करने की जरूरत है या नहीं। डॉक्टरों की सलाह के बाद वह एम्स के कार्डियो-न्यूरो टावर में भर्ती हो सकते हैं। यह यहां एक अलग बिल्डिंग में है और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है।
सूत्रों ने बताया कि मंत्री हालांकि सोमवार से ऑफिस नहीं जा रहे हैं पर घर से ही फाइलों को निपटा रहे हैं। मालूम हो कि जेटली के हार्ट का ऑपरेशन भी कुछ साल पहले हो चुका है।