रांची। झारखंड विधानसभा में नमाज अदा करने के लिए अलग एक कमरा आवंटित होने के बाद सूबे की राजनीति गरमाई हुई है। भाजपा ने इस पर गहरा एतराज जताते हुए हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए अलग कक्ष और मंदिर निर्माण के लिए जगह आवंटित करने की मांग कर दी है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने सफाई दी है कि यह नई व्यवस्था नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के आदेश से विधानसभा में कमरा संख्या TW-348 आवंटित किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले पर भाजपा ने गहरा एतराज जताया है। भाजपा विधायक दल के नेता और झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर को लोकतंत्र का मंदिर ही रहने देना चाहिए। नमाज पढ़ने के लिए अलग अलग से कमरे का आवंटन गलत है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हेमन्त सरकार वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। हेमन्त सरकार में शामिल कांग्रेस के विधायक खुलेआम तालिबान का समर्थन करते हैं। विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा उसी विचारधारा का नतीजा है। वोट बैंक की राजनीति से संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा तार-तार हो रही है। अलग कमरे का फैसला वापस नहीं लिया गया तो भाजपा आंदोलन करेगी। सदन की गरिमा बचाने के लिए मैं भी विधानसभा के बाहर धरना पर बैठूंगा। वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, सांसद दीपक प्रकाश ने नमाज के लिए कमरा आवंटन का विरोध करते हुए कहा कि किसी की धार्मिक भाजपा को आहत करने की हमारी मंशा नहीं है मगर हम लोकतांत्रिक प्रणाली में तुष्टिकरण की राजनीति का विरोध करते हैं। हेमन्त सरकार की मंशा केवल तुष्टिकरण की है। सरकार विकास छोड़ वोट बैंक की राजनीति पर उतर आई है। विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार के इशारे पर अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक निर्णय लेकर लोकतंत्र की मर्यादा को चोट पहुंचाई है। इस निर्णय के खिलाफ भाजपा प्रदेश में आंदोलन का ज्वार खड़ा करेगी। 5 सितंबर को पूरे प्रदेश में सभी जिला केंद्रों पर विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का पुतला जलाया जायेगा। छह को सभी जिलों में धरना प्रदर्शन होगा। सात को पार्टी के सभी मोर्चों द्वारा जिला केंद्रों पर प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम डीसी को ज्ञापन देंगे। आठ को विधानसभा के समक्ष पार्टी कार्यकर्ता विशाल प्रदर्शन करेंगे तो नौ को भाजपा का शिष्टमंडल राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपेगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि नमाज अदा करने के लिए विधानसभा में अलग कमरा, ऐसा पहली बार हो रहा है। आराधना करने का सबको अधिकार है, ऐसे में विधानसभा परिसर में मंदिर का भी निर्माण कराया जाये। भाजपा विधायक विरंची नारायण ने अलग ही राग अलाप दिया। कहा कि अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग कमरे आवंटित किये जायें ताकि सरना, हिंदू, सिख, जैन आदि अलग-अलग धर्मों के विधायक सदन के दौरान उस कमरे में उपासना कर सकें।
भाजपा के आक्रमण के बाद विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि यह कोई नई व्यवस्था नहीं है। झारखंड अलग राज्य बनने के पहले से संयुक्त बिहार में यह व्यवस्था थी। शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के लिए सदन की कार्यवाही आधा घंटा पहले स्थगित कर दी जाती थी। विधानसभा भवन में ही नमाज के लिए जगह थी। उन्होंने कहा कि नये भवन में नमाज के लिए कोई जगह चिह्नित नहीं थी इसी वजह से कमरे का आवंटन किया गया है। तो झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि भाजपा का धार्मिक उन्माद पैदा करना पुराना एजेंडा है। अध्यक्ष ने कोई नई व्यवस्था नहीं की है। कांग्रेस प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि कोई मस्जिद का विधानसभा परिसर में निर्माण नहीं किया गया है जो भाजपा के लोग तूफान मचाये हुए हैं। यहां सिर्फ नमाजियों के लिए अलग कमरे की व्यवस्था की गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कई टर्म सांसद, विधायक रहे फुरकान अंसारी ने कहा कि झारखंड के गठन के समय जब बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री थे इन्हीं की सलाह पर विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने विधानसभा में काम करने वाले मुस्लिम कर्मियों के लिए नमाज के लिए अलग से एक कमरा आवंटित किया था। तब विवाद नहीं हुआ, आज सत्ता से बाहर हैं तो भाजपा के लोग विवाद कर रहे हैं।