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झारखंड छात्रवृत्ति घोटाला: भाजपा की सफाई, रघुवर सरकार ने की कार्रवाई; 46 हजार संस्‍थानों में सिर्फ 3,100 को दी थी मंजूरी

छात्रवृत्ति घोटाले पर तीन दिनों के बाद भाजपा की नींद टूटी है। भाजपा ने अपनी सरकार की ओर से सफाई दी है।...
झारखंड छात्रवृत्ति घोटाला: भाजपा की सफाई, रघुवर सरकार ने की कार्रवाई; 46 हजार संस्‍थानों में सिर्फ 3,100 को दी थी मंजूरी

छात्रवृत्ति घोटाले पर तीन दिनों के बाद भाजपा की नींद टूटी है। भाजपा ने अपनी सरकार की ओर से सफाई दी है। बताया है कि भाजपा शासन के दौरान बड़े पैमाने पर फर्जी आवेदकों को फिल्‍टर किया गया था नहीं तो इस घोटाले का आकार और बड़ा होता। मुख्‍यमंत्री राजनतिक लाभ लेने के लिए तथ्‍यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। यह सवाल भी किया है कि हेमंत सरकार ने इस पर घोटाले को रोकने के लिए दस महीने के शासन में क्‍या किया। दिल्‍ली के एक अंग्रेजी अखबार द्वारा अल्‍पसंख्‍यकों के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश किया तो मुख्‍यमंत्री ने हेमंत सोरेन ने पूर्ववर्ती सरकार को जिम्‍मेदार ठहराते हुए, एक नवंबर को इसकी जांच की घोषणा की। 
 
भाजपा के प्रदेश प्रवक्‍ता प्रतुल शाहदेव ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि प्री मैट्रिक, पोस्‍ट मैट्रिक और मेरिट कम मींस अल्‍पसंख्‍यक छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति केंद्र सरकार के नेशनल स्‍कॉलरशिप की राशि पोर्टल से डीबीटी (डायरेक्‍ट बेनिफिट ट्रांसफर ) के माध्‍यम से सीधे विद्यार्थियों के खाते में केंद्र सरकार द्वारा भेजी जाती है। इसमें संस्‍थानों एवं संस्‍थान के अल्‍पसंख्‍यक छात्र-छात्राओं द्वारा पोर्टल पर सीधे अपनी सूचना एवं आवेदन की प्रविष्टि की जाती है। पूर्व में केंद्र के अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्रालय से प्राप्‍त एवं लाभुक की सूची के आलोक में राज्‍य सरकार की एजेंसी झारखंड राज्‍य अल्‍पसंख्‍यक वित्‍त एवं विकास निगम द्वारा जिलास्‍तरीय अधिकारियों से जांच कराई गई थी। तब 46000 लाभुक संस्‍थानों की संख्‍या घटकर 3100 हो गई थी। और दो लाख के बदले 95 हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की राशि दी गई।
 
रघुवर सरकार की कार्रवाई के कारण यह हो सका। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन राजनीति लाभ के लिए तथ्‍यों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और जांच रिपोर्ट आने से पहले ही पूर्व की सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं। अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्रालय के सचिव ने पांच जुलाई 2019 को योजना का लाभ लेने वाले संस्‍थानों, छात्रों और स्‍कूलों के सत्‍यापन का निर्देश दिया था। राज्‍य अल्‍पसंख्‍यक वित्‍त एवं विकास निगम ने उसी दिन जिला कल्‍याण पदाधिकारियों को पत्र लिखकर संस्‍थानों और पढ़ने वाले छात्रों की जानकारी लेने का निर्देश दिया था। इसके अतिरिक्‍त निगम ने उक्‍त संस्‍थान में कुल कक्षाओं की संख्‍या, अध्‍ययनरत छात्रों की संख्‍या, अल्‍पसंख्‍यक छात्रों की संख्‍या, संस्‍थान को आवंटित यूजर आइडी, पासवर्ड एवं इसका इस्‍तेमाल करने वाले कर्मी का नाम और मोबाइल नंबर तथा प्रधानाध्‍यापक का नाम व मोबाइल नंबर के साथ जांच अधिकारी के स्‍पष्‍ट मंतव्‍य देने का निर्देश दिया था। पुन: आठ एवं दस जुलाई को भी पत्र लिख भौतिक सत्‍यापन करते हुए विभिन्‍न बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब किया था।

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