अभी तक उत्तर प्रदेश की कमान मधुसूदन मिस्त्री और पंजाब हरियाणा की शकील अहमद के हाथ थी। पंजाब और उत्तर प्रदेश में बदलाव के पीछे सबसे बड़ी वजह विधानसभा चुनाव है जिसके लिए कांग्रेस पूरी रणनीति बना रही है। राज्यसभा चुनाव के तुंरत बाद हुए इस फैसलेे को लेकर माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान आने वाले दिनों में कुछ और फेरबदल कर सकता है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में कांग्रेस विधायकों ने क्रास वोटिंग की थी जिसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष नाराज थी। हरियाणा में तो कांग्रेस के 14 विधायकों के मत अवैैध घोषित कर दिए गए।
कमलनाथ और गुलाम नबी आजाद दोनों ही कांग्रेस अध्यक्ष के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ऱह चुके आजाद संगठन के भी माहिर माने जाते हैं वहीं कमलनाथ की गिनती भी कांग्रेस करीबी नेताओं में होती है। राज्यसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवार को जीताने में कमलनाथ ने बड़ी़ भूमिका अदा की थी।