Advertisement

बागी विधायकों को मनाने की कवायद शुरू, डीके शिवकुमार बोले- नागराज रहेंगे हमारे साथ

कर्नाटक में राजनीतिक घमासान के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को असंतुष्ट विधायकों को मनाने के...
बागी विधायकों को मनाने की कवायद शुरू, डीके शिवकुमार बोले- नागराज रहेंगे हमारे साथ

कर्नाटक में राजनीतिक घमासान के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को असंतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए बातचीत शुरू कर दी है। बता दें कि इन बागी विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है, जिससे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को झटका लगा है। मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा विधानसभा में इस आश्चर्यजनक घोषणा,  कि वह विश्वास मत की तलाश करेंगे, के एक दिन बाद असंतुष्ट विधायकों तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए गए। इसी बीच इस्तीफा स्वीकार ना करने को लेकर स्पीकर के खिलाफ पांच अन्य कांग्रेस विधायक सुप्रीम कोर्ट गए हैं।

क्या मान गए नागराज?

शनिवार सुबह कर्नाटक सरकार के मंत्री डीके शिवकुमार और डिप्टी मुख्यमंत्री जी परमेश्वर नागराज को मनाने पहुंचे। नागराज से मुलाकात के बाद डीके शिवकुमार ने दावा किया कि नागराज अपने इस्तीफे पर फिर से सोचने को तैयार हो गए हैं।

डीके शिवकुमार ने नागराज से मुलाकात के बाद कहा कि हमें साथ जीना और साथ मरना चाहिए, क्योंकि हमनें 40 साल तक कांग्रेस के लिए काम किया है। डीके शिवकुमार ने कहा, "हर परिवार में उतार-चढ़ाव होता है, हमें सब कुछ भूलाकर आगे बढ़ना चाहिए, हमें खुशी है कि एमटीवी नागराज ने हमें भरोसा दिलाया है कि वे हमारे साथ रहेंगे।"

इधर विधायक नागराज ने कहा है कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व से निराश और दुखी होकर इस्तीफा दिया था, लेकिन अब पार्टी नेताओं के सामने अपना पक्ष रखने के बाद वे अपने निर्णय पर फिर से सोचेंगे। नागराज ने कहा कि वे इस्तीफा देने वाले दूसरे विधायक के सुधाकर से भी बात करेंगे।

विधायक नागराज ने कहा, "हालात ऐसे हो गए थे कि हमें अपना इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन अब डीके शिवकुमार और दूसरे नेता हमारे पास आए हैं और हमसे अनुरोध किया है कि हम अपना इस्तीफा वापस ले लें, मैं सुधाकर राव से बात करूंगा फिर देखते हैं क्या किया जा सकता है, आखिरकार हमनें कई दशक कांग्रेस में गुजारे हैं।"

इन विधायकों से बात कर रहे हैं कुमारस्वामी

विधायक रामलिंग रेड्डी, मुनिरत्ना और आर रोशन बेग को मनाने के लिए भी इसी तरह का प्रयास किया गया। जद (एस) के सूत्रों ने कहा कि कुमारस्वामी कम से कम चार कांग्रेस विधायकों के साथ सीधी बातचीत में हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है, और उम्मीद है कि वे अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे।

आगामी सप्ताह के दौरान होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों के समूह को एक साथ रखने के लिए, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने विधायकों को होटल और रिसॉर्ट में भेज दिया।

इन प्रयासों से नहीं निकलेगा कोई परिणाम: येदियुरप्पा

इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि इन प्रयासों से कोई परिणाम नहीं निकलेगा।  येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस और जेडी (एस) में भ्रम है, जिसके कारण विधायक पार्टी से भाग रहे हैं। विधायकों को वापस लाने के लिए एक व्यवस्थित साजिश चल रही है।" राज्य भाजपा प्रमुख ने कहा, "माहौल अराजक है और सरकार का पतन तय है।"

कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार

बता दें कि कर्नाटक विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विश्वासमत प्रस्ताव पेश करने की अनुमति मांगी है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार से इसके लिए समय तय करने को कहा है। कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में जो कुछ हुआ, उसके बाद वह अपना बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। एचडी कुमारस्वामी ने भरोसा जताया है कि बहुमत अब भी उनके साथ है। उनका कहना था, ‘मैं किसी भी चीज के लिए तैयार हूं। मुझे सत्ता से चिपके रहने का शौक नहीं है।’

वहीं, इससे पहले कर्नाटक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार को निर्देश दिया  कि वे सत्ताधारी जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के बागी विधायकों के इस्तीफे या उन्हें अयोग्य घोषित करने पर 16 जुलाई यानी मंगलवार तक कोई फैसला न लें। 16 जुलाई तक कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से संबंधित 10 बागी विधायकों के इस्तीफे पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।

संकट में गठबंधन सरकार

गौरतलब है कि कर्नाटक में गठबंधन सरकार पिछले साल चुनाव में त्रिशंकु नतीजे के बाद से ही त्रस्त है।  अब 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद वह गंभीर संकट का सामना कर रही है। कांग्रेस के 13 और जद(एस) के तीन विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है।  इसके अलावा, दो निर्दलीय विधायकों जिन्हें हाल ही में सरकार को स्थायित्व प्रदान करने के लिए मंत्री बनाया गया था उन्होंने भी मंत्रालय छोड़ दिया है और अपना समर्थन वापस ले लिया है।

सत्तारूढ़ गठबंधन की कुल ताकत 116 (कांग्रेस -78, जेडी (एस) -37 और बीएसपी -1) अध्यक्ष के अलावा है। दो निर्दलीयों के समर्थन के साथ, भाजपा के पास 224 सदस्यीय सदन में 107 विधायक हैं। अगर 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं, तो गठबंधन का पलड़ा घटकर 100 रह जाएगा। हालां‌कि अध्यक्ष के पास भी एक वोट होता है।

एजेंसी

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad