कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दो दिवसीय दौर पर ब्रिटेन में हैं। इस दौरान वह कई कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं। इसी सिलसिले में शनिवार को लंदन में जहां राहुल गांधी प्रवासी भारतीयों को संबोधित करने वाले थे वहां कार्यक्रम के दौरान खालिस्तान समर्थक जुट गए। राहुल गांधी के कार्यक्रम स्थल पर खालिस्तान के समर्थन में औऐर भारत विरोधी नारे भी लगाए गए। बाद में सुरक्षा बलों और पुलिस ने खालिस्तान समर्थकों को वहां से हटाया।
जिस टेबल पर खालिस्तानी समर्थकों का समूह बैठा था उसके आसपास 1000 से ज्यादा कांग्रेस समर्थक भारतवंशी मौजूद थे। सभी राहुल के आने का इंतजार कर रहे थे। इस बीच शाम के 7.45 बजे बड़ी संख्या में पुलिसबलों ने खालिस्तान समर्थकों की टेबल को घेर लिया। उस समय कार्यक्रम शुरू हो गया था और प्रेरित करने वाले भाषण दिए जा रहे थे। आयोजकों ने समूह को विनम्रता से चले जाने के लिए कहा। जब उन्होंने उनकी बात मानने से मना कर दिया तो पुलिस को बुलाया गया। जब उन्हें बाहर ले जाया जा रहा था तो उस दौरान वह खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। इस समूह को बाहर निकाले जाने के आधे घंटे बाद राहुल गांधी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को संबोधित किया।
Indeed sad to note that Khalistan supporters tried to disrupt @RahulGandhi meeting in London and even shouted anti-India slogans. The organisers should have been more careful while making the list of invitees. We condemn intrusion of anti-India elements in the event. pic.twitter.com/vqA3AoULT0
— Vijay Chauthaiwale (@vijai63) August 25, 2018
इससे पहले लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को 'बेहद दुखद त्रासदी' बताया और कहा कि वह किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल लोगों को सजा देने का 100 फीसदी समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे मन में उसके बारे में कोई भ्रम नहीं है। यह एक त्रासदी थी, यह एक दुखद अनुभव था। आप कहते हैं कि उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी, मैं इससे सहमति नहीं रखता। निश्चित तौर पर हिंसा हुई थी, निश्चित तौर पर वह त्रासदी थी।'
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या के बाद 1984 में हुए दंगों में लगभग 3,000 सिख मारे गए थे। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।