अहमदाबाद में आज आयोजित 84वें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अधिवेशन और सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि "सांप्रदायिक विभाजन" पैदा करके देश के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।
एआईसीसी अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में खड़गे ने कहा, "आज सांप्रदायिक विभाजन करके देश के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। दूसरी ओर, कुलीनतंत्र देश के संसाधनों पर कब्जा करके शासन को नियंत्रित करने की राह पर है।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि देश में कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक "षड्यंत्र" चलाया जा रहा है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच द्विपक्षीय संबंधों का मामला भी शामिल है।
खड़गे ने कहा, "साथियों, पिछले कई वर्षों से अनेक राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सुनियोजित साजिश की गई है। कांग्रेस पार्टी के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है, जिसका 140 वर्षों तक देश की सेवा करने और देश के लिए लड़ने का गौरवशाली इतिहास रहा है। यह काम वो लोग कर रहे हैं, जिनके पास अपनी उपलब्धि के तौर पर दिखाने के लिए कुछ नहीं है। उनके पास स्वतंत्रता संग्राम में अपने योगदान के तौर पर दिखाने के लिए कुछ नहीं है।"
भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वे यह दिखाने की साजिश कर रहे हैं कि नेहरू और पटेल एक-दूसरे के खिलाफ थे, जबकि इसके विपरीत, दोनों नेताओं के बीच अच्छे संबंध थे।
उन्होंने कहा, "वे सरकार पटेल और पंडित नेहरू के बीच संबंधों को इस तरह दिखाने की साजिश करते हैं जैसे कि दोनों विधर्मी एक दूसरे के विरोधी थे। जबकि सच्चाई यह है कि वे एक ही सिक्के के दो पहलू थे। कई घटनाएं और दस्तावेज उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों के गवाह हैं। मैं विशेष रूप से 1937 में गुजरात विद्यापीठ में सरदार पटेल द्वारा दिए गए भाषण का उल्लेख करना चाहूंगा। उस समय नेहरू जी कांग्रेस के अध्यक्ष थे और गुजरात के युवा चाहते थे कि प्रांतीय चुनावों में प्रचार के लिए नेहरू जी को बुलाया जाए।"
खड़गे ने कहा, "सरदार पटेल ने 7 मार्च 1937 को कहा था कि "जिस दिन गुजरात इस चुनाव आंदोलन में विजयी होकर कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित करेगा, हम कांग्रेस अध्यक्ष नेहरूजी का फूलों से स्वागत करेंगे और खुले दिल से उनका स्वागत करेंगे।" आप इस बात से समझ सकते हैं कि सरदार पटेल नेहरूजी से कितना प्यार करते थे। 14 अक्टूबर 1949 को सरदार पटेल ने नेहरूजी के लिए अपनी बधाई पुस्तिका में कहा था कि "पिछले दो कठिन वर्षों में नेहरूजी ने देश के लिए जो अथक प्रयास किए हैं, उसे मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता। इस दौरान मैंने उन्हें भारी जिम्मेदारियों के बोझ के कारण बहुत जल्दी बूढ़ा होते देखा है। ये बातें सार्वजनिक रिकॉर्ड में दर्ज हैं। दोनों के बीच लगभग हर दिन पत्राचार होता था। नेहरूजी सभी मामलों में उनकी सलाह लेते थे।"
अपने संबंधों पर प्रकाश डालते हुए खड़गे ने कहा, "नेहरूजी पटेल साहब का बहुत सम्मान करते थे। अगर उन्हें कोई सलाह लेनी होती थी तो वह खुद पटेलजी के घर जाते थे। पटेलजी की सुविधा के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठकें उनके आवास पर होती थीं।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि पटेल आरएसएस के खिलाफ थे और उन्होंने उस संगठन पर प्रतिबंध भी लगाया था।
उन्होंने कहा, "सरदार पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी। उन्होंने आरएसएस पर प्रतिबंध भी लगाया था। लेकिन यह हास्यास्पद है कि आज उस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत का दावा करते हैं। गांधी जी और सरदार पटेल ने बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा का सदस्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।"
गुजरात में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में बोलते हुए खड़गे ने कहा कि गुजरात की धरती पर जन्मे तीन महान व्यक्तित्वों ने कांग्रेस का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "यह वर्ष महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने का शताब्दी वर्ष है। दिसंबर 1924 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मेरे गृह राज्य कर्नाटक के बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष बने थे। हमने 26 दिसंबर को कर्नाटक में यह शताब्दी वर्ष मनाया। साथियों, गुजरात की धरती पर जन्मे तीन महान व्यक्तित्वों ने कांग्रेस का नाम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध किया। दादाभाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल - ये सभी हमारी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे।"
उन्होंने कहा, "गांधी जी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अहिंसा का हथियार दिया। यह इतना मजबूत वैचारिक हथियार है कि कोई भी ताकत इसके सामने टिक नहीं सकती। जिस तरह गांधी जी के नेतृत्व में चंपारण सत्याग्रह सफल रहा और इसने गांव-गांव में कांग्रेस की जड़ें जमाने में मदद की, उसी तरह गुजरात में सरदार पटेल के नेतृत्व में बारडोली सत्याग्रह और अन्य किसान आंदोलन इतिहास में अमर हैं।"
खड़गे ने आगे कहा कि कांग्रेस सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाएगी।
उन्होंने कहा, "इस वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार पटेल जी की 150वीं जयंती है। नेहरू जी उन्हें "भारत की एकता के संस्थापक" कहते थे। हम उनकी 150वीं जयंती पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाएंगे। सरदार साहब कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में कराची कांग्रेस में पारित मौलिक अधिकारों के प्रस्ताव भारतीय संविधान की आत्मा हैं, सरदार पटेल संविधान सभा की महत्वपूर्ण 'मौलिक अधिकार, अल्पसंख्यक और आदिवासी एवं बहिष्कृत क्षेत्रों संबंधी सलाहकार समिति' के अध्यक्ष थे।"
खड़गे ने कहा, "डॉ. अंबेडकर ने स्वयं 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा में अपने अंतिम भाषण में कहा था कि "कांग्रेस पार्टी के सहयोग के बिना संविधान नहीं बनाया जा सकता था।"
आरएसएस पर हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "लेकिन जब संविधान बना तो आरएसएस ने गांधी जी, पंडित नेहरू, डॉ. अंबेडकर और कांग्रेस की खूब आलोचना की। रामलीला मैदान में संविधान और इन नेताओं के पुतले जलाए गए। यह भी कहा गया कि संविधान मनुवादी आदर्शों से प्रेरित नहीं है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि उन्होंने संसद परिसर में महात्मा गांधी और बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा को हटाकर उनका "अपमान" किया है।
उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार ने संसद परिसर में गांधीजी और बाबा साहेब की भव्य प्रतिमा को उठाकर एक कोने में रखवाकर उनका अपमान किया है।'
गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोलते हुए खड़गे ने कहा, "गृह मंत्री ने राज्यसभा में बाबा साहेब का मजाक उड़ाया कि आप लोग अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहते हैं, अगर भगवान का इतना नाम लेते तो आपको 7 जन्मों तक स्वर्ग मिलता। कांग्रेस पार्टी संविधान और उसके निर्माताओं दोनों का सम्मान करती है और इसकी रक्षा करना जानती है। सरदार पटेल साहब हमारे दिलों और विचारों में बसते हैं। हम उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी सोच को ध्यान में रखते हुए हमने अहमदाबाद में सरदार पटेल संग्रहालय में सीडब्ल्यूसी की यह बैठक आयोजित की है। हम उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।"
भाजपा और आरएसएस पर अपने हमले तेज करते हुए खड़गे ने कहा, "आज भाजपा और संघ परिवार के लोग गांधीजी से जुड़ी संस्थाओं पर कब्जा कर रहे हैं और उन्हें उनके वैचारिक विरोधियों को सौंप रहे हैं। उन्होंने वाराणसी में सर्व सेवा संघ पर भी कब्जा कर लिया है। आप सभी जानते हैं कि गुजरात विद्यापीठ में क्या हुआ। गांधीवादी लोगों और सहकारी आंदोलन के लोगों को हाशिए पर रखा जा रहा है।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गुजरात वह राज्य है जहां से कांग्रेस को पिछले 140 वर्षों में ताकत मिली है।
उन्होंने कहा, "ऐसी सोच रखने वाले लोग गांधीजी का चश्मा और छड़ी चुरा सकते हैं। लेकिन वे उनके आदर्शों पर कभी नहीं चल सकते। गांधीजी की वैचारिक विरासत ही असली पूंजी है जो सिर्फ कांग्रेस पार्टी के पास है। गुजरात ही वह राज्य है जहां से कांग्रेस को अपने 140 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा ताकत मिली है। आज हम यहां फिर से प्रेरणा और ताकत लेने आए हैं।"