लोकसभा में मंगलवार को द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने मनरेगा के मुद्दे को लेकर सरकार के जवाबों पर असंतोष जताते हुए शोर-शराबा किया जिस पर नाखुशी जताते हुए अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदस्यों को राज्यों के एजेंडे सदन में नहीं लाने चाहिए।
व्यवधान के कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही करीब 15 मिनट के लिए दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
प्रश्नकाल में केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के सदस्यों ने मनरेगा के बकाया धन से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी के जवाबों से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने आसन के पास आकर नारेबाजी शुरू कर दी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तमिलनाडु की मनरेगा के तहत मजदूरी और सामग्री की 85 हजार करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है और बाकी राशि भी जल्द जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए 54,515 करोड़ रुपये मनरेगा के तहत जारी किए गए थे और अनुपालन पूरा होने पर बकाया धन भी जारी कर दिया जाएगा। पांच साल में मनरेगा के तहत 43 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि
इससे पहले ग्रामीण विकास राज्य मंत्री पेम्मासानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत धन के दुरुपयोग का पता चला था और अनियमितताएं समाप्त होने तक धन जारी नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में मनरेगा के तहत 43 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि हुई है।
आसन के समीप नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से नाखुशी जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘प्रश्नकाल में अपने-अपने राज्यों के राजनीतिक एजेंडे पर बात करना, राज्यों की राजनीति करना और अपने एजेंडे के आधार पर प्रश्न पूछकर व्यवधान पैदा करना सदन के लिए उचित नहीं है।’’
उन्होंने कहा आप सवाल पूछ सकते हैं, मंत्री की जवाबदेही तय कर सकते हैं, लेकिन राजनीतिक एजेंडों को यहां लाना सदन की मर्यादाओं के अनुरूप नहीं है।बिरला ने विपक्षी दलों के सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह करते हुए कहा, आप प्रश्नकाल नहीं चलाना चाहते, सदन में नियोजित तरीके से व्यवधान पैदा करना चाहते हैं। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 15 मिनट के लिए कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।