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सुमित्रा महाजन का चुनाव लड़ने से इनकार,कहा- पार्टी अब जिसे चाहे उसे टिकट दे

इंदौर लोकसभा सीट के लिए पिछले कई दिनों से जारी अटकलों को लोकसभा स्पीकर और इंदौर से लगातार 8 बार से सांसद...
सुमित्रा महाजन का चुनाव लड़ने से इनकार,कहा- पार्टी अब जिसे चाहे उसे टिकट दे

इंदौर लोकसभा सीट के लिए पिछले कई दिनों से जारी अटकलों को लोकसभा स्पीकर और इंदौर से लगातार 8 बार से सांसद सुमित्रा महाजन ने अपनी ओर से खत्‍म कर दिया है। महाजन ने ऐलान किया है कि वह अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। मीडिया में उन्होंने एक खुला पत्र जारी किया है। उसमें लिखा है कि पार्टी अब जो चाहे फैसला कर सकती है।

महाजन ने पत्र में लिखा कि मेरे टिकट को लेकर पार्टी असमंजस में है, इसलिए मैं चुनाव न लड़ने की घोषणा कर रही हूं। अब मैं चुनाव नहीं लडूंगी, पार्टी जिसे चाहे इंदौर से टिकट दे दे। पार्टी को अब इंदौर सीट पर जल्द नाम तय करना चाहिए।

महाजन ने लिखा कि भाजपा ने आज तक इंदौर में अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, यह अनिर्णय की स्थिति क्यों? संभव है कि पार्टी को निर्णय लेने में कुछ संकोच हो रहा है। हालांकि, मैंने पार्टी के वरिष्ठों से इस संदर्भ में बहुत पहले ही चर्चा की थी और निर्णय उन पर छोड़ दिया था। लगता है उनके मन में अब भी कुछ असमंजस है। इसलिए मैं घोषणा करती हूं कि मुझे अब लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ना है। अत: पार्टी अपना निर्णय मुक्त मन से करे, निःसंकोच होकर करे।

इंदौर में असमंजस

भाजपा मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। भाजपा का गढ़ कही जाने वाली इंदौर सीट पर अब भी असमंजस बना हुआ है। एक के बाद एक नए नाम चर्चा में आने और अब तक नाम तय नहीं होने से 8 बार की सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पत्र लिखा। उनकी उम्र 75 पार हो चुकी है, इसलिए ऐसी बातें सामने आ रही थीं कि पार्टी इस बार उन्हें टिकट नहीं देना चाहती है। हालांकि, उनकी जगह उम्मीदवार कौन होगा, इस पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है।

75 पार वालों को टिकट नहीं

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार किसी भी 75+ उम्र वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया है। इनमें लालकृष्ण आडवाणी की गांधीनगर, मुरली मनोहर जोशी का कानपुर, शांता कुमार का हिमाचल प्रदेश से टिकट काटा गया है। आडवाणी की जगह इस बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं।

इंदौर भाजपा का गढ़

इंदौर में 30 साल से भाजपा का कब्जा है। अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में यहां से कांग्रेस केवल चार बार जीत सकी है। इंदौर लोकसभा सीट के तहत 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में मुकाबला बराबरी का था। भाजपा और कांग्रेस ने 4-4 सीटें जीती थीं। अब सुमित्रा महाजन के चुनाव लड़ने से इनकार के बाद कैलाश विजयवर्गीय और मालिनी गौड़ दौड़ पर हैं।

 

 

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