कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने जम्मू-कश्मीर जा रहे भाजपा के 36 मंत्रियों को डरपोक बताया। उन्होंने कहा कि इनमें से 31 मंत्री जम्मू, जबकि सिर्फ 5 ही कश्मीर घाटी जा रहे हैं।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर मलप्पपुरम में मणिशंकर अय्यर ने कहा कि मोदी सरकार के ये मंत्री कायर हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि ये मंत्री कश्मीर जाकर किससे बात करने वाले हैं? क्या पूर्व मुख्यमंत्रियों से? वे ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि वे सभी हिरासत में हैं। फारूक और उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जेल में हैं।’’
लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिले भारी बहुमत का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि ये अहंकारी लोग हैं। सत्ता का नशा उनके सिर पर चढ़ गया है। उनके लिए यह सुनहरा अवसर है। दोबारा 303 सीटें मिलने वाली नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर में ये लोग एक अलग सियासी वर्ग बनाने का प्रयास कर रहे हैं। बीजेपी के पास घाटी में एक भी वोट नहीं है। ये लोग धोखेबाज और जनता के प्रतिनिधि नहीं हैं। यदि होते तो बहुत पहले चुन लिए जाते।
‘शाहीन बाग जाने से क्यों डर रहे भाजपा के लोग’
सीएए और एनआरसी को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर अय्यर ने कहा, ‘‘वे (भाजपा नेता) शाहीन बाग में जाने से क्यों डरते हैं? 34 दिनों से वे भारत को धार्मिक आधार पर बांटने के भाजपा की इस कोशिश के खिलाफ वहां प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा को बहुमत इसलिए मिला, क्योंकि उन्होंने कहा था कि हम सबका साथ-सबका विकास करेंगे। मगर, उन्होंने किया क्या, सबका साथ और सबका विनाश।’’ बता दें कि 15 दिसंबर से दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है।
18 से 25 तक केन्द्रीय मंत्रियों का जम्मू-कश्मीर दौरा
केंद्र सरकार ने 15 जनवरी को कहा था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पहली बार स्थिति का जायजा लेने और लोगों से संपर्क बढ़ाने के लिए 36 मंत्री जम्मू-कश्मीर जाएंगे। मंत्रियों का एक सप्ताह का दौरा 18 जनवरी से शुरू हुआ। कश्मीर घाटी में केवल पांच मंत्री जी किशन रेड्डी, रविशंकर प्रसाद, श्रीपद नाइक, निरंजन ज्योति और रमेश पोखरियाल जाएंगे। जबकि शेष मंत्री जम्मू के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे। पिछले साल 5 अगस्त को विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद से सरकार कश्मीर में स्थिति सामान्य करने में जुटी है।