मायावती ने लखनऊ में एक बयान में कहा कि भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष मधु मिश्रा ने अलीगढ में एक कार्यक्रम के दौरान दलित समाज के प्रति जातिवादी अपमानजनक बयान दिया जो अत्यंत निंदनीय है। उनके खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मजबूरी में लिया गया एक दिखावटी और खानापूर्ति करने का फैसला है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा दलित सम्मान के मामले में इतनी ही गंभीर है तो उसे पूर्व में दलितों के प्रति निहायत अपमानजनक टिप्पणी करने वाले केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वी के सिंह के खिलाफ सबसे पहले कार्रवाई करनी चाहिए थी। मायावती ने कहा कि सिंह ने दलितों की तुलना जानवर से करके न केवल अपने मंत्री पद की गरिमा को गिराया बल्कि संविधान के शपथ का खुल्लम खुल्ला उल्लघंन भी किया, लेकिन न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने और न ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उनके खिलाफ अब तक कोई भी सख्त कार्रवाई की है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अगर सिंह को बर्खास्त करती तो मधु मिश्रा या अन्य भाजपा नेताओं को दलितों का अपमान करने से पहले सौ बार सोचना पड़ता। बसपा प्रमुख ने कहा कि इसी तरह हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा उत्पीड़न व शोषण से मजबूर होकर पीएचडी के दलित छात्र रोहित बेमुला द्वारा आत्महत्या के मामले में भी केंद्र की भाजपा सरकार का रवैया अभी तक दलित विरोधी बना हुआ है। बता दें कि उत्तर प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष मधु मिश्रा ने गत रविवार को अलीगढ़ में आयोजित होली मिलन समारोह कार्यक्रम में दलितों की तरफ इशारा करते हुए सवर्ण वर्ग के लोगों से कहा था कि जो लोग संविधान का सहारा लेकर आज तुम पर राज कर रहे हैं, वह कभी तुम्हारे जूते साफ किया करते थे। भाजपा के प्रांतीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने मधु के इस बयान को गंभीरता से लेते हुए उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था।