मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल में 28 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। राजभवन के लॉन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इन 28 मंत्रियों में 13 कैबिनेट मंत्री हैं, वहीं 15 राज्य मंत्री हैं। 13 कैबिनेट मंत्रियों में से पांच को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ली। टीम कमलनाथ में एक निर्दलीय के अलावा दो महिलाओं, एक मुस्लिम को भी मंत्री बनाया गया है। गत 11 दिसंबर को राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तभी से मंत्रिमंडल के गठन की कोशिशें जारी थीं।
पांच दिनों तक चला मंथन
दिल्ली में पिछले पांच दिन से जारी मशक्कत के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित अन्य दिग्गजों के समर्थकों की परफॉर्मेंस व क्षेत्रीय जातीय समीकरण के आधार पर संख्या तय की गई है। मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय व सामाजिक संतुलन बनाने के प्रयास अंतिम क्षणों तक जारी रहे।
इन्होंने ली शपथ
विजयलक्ष्मी साधौ, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, गोविंद सिंह, बाला बच्चन, आरिफ अकील, बृजेंद्र सिंह राठौर, प्रदीप जायसवाल (निर्दलीय), लाखन सिंह यादव, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, ओमकार सिंह मरकाम, डॉ. प्रभुराम चौधरी, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पानसे, उमंग सिंघार, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, पीसी शर्मा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सचिन सुभाष यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल, अरुण भनोत।
विधानसभा का सत्र 7 जनवरी से
विधानसभा का सत्र 7 जनवरी से शुरू हो रहा है, जिसमें सभी विधायकों को प्रोटेम स्पीकर शपथ दिलाएंगे, जो कि सदन का वरिष्ठ नेता होता है। इस पद के लिए अभी भाजपा से गोपाल भार्गव और कांग्रेस से डॉ. गोविंद सिंह का नाम आगे है। इधर, सामान्य प्रशासन विभाग ने नए मंत्रियों के लिए 30 वाहन तैयार किए हैं, जिन्हें उन्हें शपथ लेने के बाद उपलब्ध करा दिया जाएंगे। यह सत्र 11 जनवरी तक चलेगा। सरकार 10 संसदीय सचिव बना सकती है। इन्हें कैबिनेट या राज्यमंत्री का दर्जा होगा। इस बारे में मुख्यमंत्री ने विवेक तन्खा से चर्चा की।