उपचुनाव में तीन नवंबर को होने वाले मतदान से ठीक पहले चुनाव आयोग द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा खत्म किये जाने के बाद प्रदेश में सियासी हलचल बहुत तेज हो गई है। कांग्रेस ने इस फैसले को गलत बताते हुए कहा है कि स्टार प्रचार का दर्जा खत्म करना आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। साथ ही कमलनाथ ने प्रचार जारी रखने की बात कही है।
कमलनाथ ने कहा है कि मुझे चुनाव प्रचार करने से कोई रोक नहीं सकता है। आज शनिवार को आगर और हाटपिपलिया के दौरे पर जा रहा हूं। मैं रविवार को भी प्रचार पर जाऊंगा। मुझ पर प्रचार करने की कोई रोक नहीं लगी है। बीजेपी का पूरा प्रयास चल रहा है, वे तड़प रहे है, अब प्रश्न उनके हारने का नहीं है, अब तो प्रश्न हर सीट पर कितने से हारने का बचा है।
कमलनाथ ने कहा कि मैंने लंबे राजनीतक जीवन में कई चुनाव देखें है। मैं जानता हूं कि विरोधी दल जब हार रहे होते है तो क्या स्थिति होती है। तब वो प्रशासन, पुलिस, पैसे और शराब का उपयोग शुरू कर देते है। जनता यह सच्चाई समझती है कि किस प्रकार यह सौदेबाजी की व बिकाऊ सरकार बनी है। जनता इनको मुंह तोड़ जवाब देगी।
दूसरी ओर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना हैकि स्टार प्रचारक राजनीतिक दल तय करने है। उस दर्जे को खत्म करने का अधिकार चुनाव आयोग को नहीं है। इसके अलावा आयोग ने यह फैसला बिना कोई नोटिस दिये ही ले लिया।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा खत्म कर दिया था। उनको चुनाव आचार संहिता का दोबारा उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था, उसके बाद आयोग ने यह फैसला लिया। तीन नवंबर को राज्य में उपचुनाव के लिए मतदान है, उसके पहले चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। कांग्रेस की ओर से कमलनाथ के हाथ में ही पूरे प्रचार की कमान है।
जनता भाजपा को जवाब देगी
कमलनाथ ने कहा कि मैंने लंबे राजनीतक जीवन में कई चुनाव देखें है। मैं जानता हूं कि विरोधी दल जब हार रहे होते है तो क्या स्थिति होती है। तब वो प्रशासन, पुलिस, पैसे और शराब का उपयोग शुरू कर देते है। जनता यह सच्चाई समझती है कि किस प्रकार यह सौदेबाजी की व बिकाऊ सरकार बनी है। जनता इनको मुंह तोड़ जवाब देगी।
चुनाव आयोग को अधिकार नहीं
दूसरी ओर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना हैकि स्टार प्रचारक राजनीतिक दल तय करने है। उस दर्जे को खत्म करने का अधिकार चुनाव आयोग को नहीं है। इसके अलावा आयोग ने यह फैसला बिना कोई नोटिस दिये ही ले लिया।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा खत्म कर दिया था। उनको चुनाव आचार संहिता का दोबारा उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था, उसके बाद आयोग ने यह फैसला लिया। तीन नवंबर को राज्य में उपचुनाव के लिए मतदान है, उसके पहले चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। कांग्रेस की ओर से कमलनाथ के हाथ में ही पूरे प्रचार की कमान है।