मध्य प्रदेश में मांधाता से कांग्रेस विधायक नारायण पटेल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। साथ ही प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा द्वारा इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। 15 दिनों के भीतर कांग्रेस को यह तीसरा बड़ा झटका है। नारायण पटेल के इस्तीफे के साथ ही प्रदेश में कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 87 रह गई है।
कमलनाथ लगातार विधायकों को एकजुट करने के प्रयास में लगे हुए हैं। उसके बाद भी पार्टी में इस्तीफों का दौर नहीं थम रहा है। भाजपा के नेता लगातार कह रहे हैं कि कांग्रेस के कई विधायक कतार में लगे हुए हैं। नारायण पटेल ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने ट्वीट किया, "मान्धाता से विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा परिवार का हिस्सा बने श्री नारायण पटेल का हार्दिक स्वागत है "
मध्यप्रदेश कांग्रेस को 15 दिनों के भीतर यह तीसरा बड़ा झटका है। इससे पहले कांग्रेस विधायक प्रद्युमन सिंह लोधी और सुमित्रा देवी पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं। इन इस्तीफों के बाद कमलनाथ ने भोपाल में विधायकों की बैठक भी की थी। मगर उसका असर नहीं दिखाई दे रहा है। बैठक के महज तीन दिन बाद ही एक और विधायक ने पार्टी से किनारा कर लिया है।
इस इस्तीफे के बाद कांग्रेस के प्रदेश में अब 87 विधायक बचे हैं। जबकि भाजपा के पास 107 विधायक हैं। यानी भाजपा को सरकार में रहने के लिए अब केवल 9 विधायकों की जरूरत है। नारायण पटेल के इस्तीफे के बाद एमपी में 27 सीटों पर उपचुनाव होंगे।