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विवादों से पुराना नाता है मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह का

कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणियों के कारण आलोचनाओं का सामना कर रहे मध्यप्रदेश के जनजातीय मामलों...
विवादों से पुराना नाता है मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह का

कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणियों के कारण आलोचनाओं का सामना कर रहे मध्यप्रदेश के जनजातीय मामलों के मंत्री विजय शाह पहली बार किसी विवाद में नहीं उलझे हैं।

इससे पहले, उन पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लग चुका है। वह मध्यप्रदेश में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन को रात्रिभोज का निमंत्रण देकर भी विवाद में घिर चुके हैं।

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विवरण नयी दिल्ली में नियमित पत्रकार वार्ताओं में विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिल कर साझा करती थीं । इन पत्रकार वार्ताओं में विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी शामिल होते थे।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने शाह पर कर्नल कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया है। उच्च न्यायालय ने उनकी टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लिया था।

इससे पहले अप्रैल 2013 में आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी से उठे राजनीतिक विवाद के चलते शाह को मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था।

राज्य कांग्रेस महासचिव तथा पार्टी के मीडिया प्रभारी अभय तिवारी ने कहा कि शाह को 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री की पत्नी के बारे में बेतुकी बातें करने के कारण मप्र मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने पूछा, “अब जब उन्होंने सेना पर बेशर्मी भरी टिप्पणी की है, तो भाजपा चुप है। क्या यही उनका राष्ट्रवाद है?”

कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब शाह कर्नल कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे, तो कार्यक्रम के एक वीडियो में पूर्व संस्कृति मंत्री और महू की विधायक ऊषा ठाकुर हंसती हुई दिखाई दे रही थीं। उन्होंने पूछा, ‘क्या यही भाजपा की संस्कृति है।’

गुप्ता ने दावा किया कि नवंबर 2020 में जब शाह वन मंत्री थे, तब उन्होंने एक और विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने बालाघाट जिले में फिल्म ‘शेरनी’ की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री विद्या बालन को कथित तौर पर रात के खाने पर आमंत्रित किया था। फिल्म स्टार ने प्रस्ताव ठुकरा दिया, जिसके बाद शाह के विभाग ने शूटिंग की अनुमति वापस ले ली।’

मीडिया की खबरों के मुताबिक, शाह के साथ रात्रिभोज से विद्या बालन के इनकार के एक दिन बाद, फिल्म की टीम के वाहनों को शूटिंग के लिए वन क्षेत्र में प्रवेश करने से कथित तौर पर रोक दिया गया था। शाह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने शूटिंग के लिए अनुमति लेने वालों का भोजन का निमंत्रण ठुकरा दिया था।

हरसूद (अजजा) सीट से आठवीं बार विधायक बने शाह ने स्कूल शिक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया है। मतदाताओं के बीच परोपकारी कार्यों के लिए लोकप्रिय 62 वर्षीय आदिवासी नेता 1990 से 2023 तक इस निर्वाचन क्षेत्र में अपराजित रहे।

उनसे जुड़े नवीनतम विवाद ने उच्च न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया, जिसने मामले का स्वतः संज्ञान लिया।

उच्च न्यायालय ने बुधवार को शाह को कर्नल कुरैशी के खिलाफ “खतरनाक”, “अपमानजनक” टिप्पणी करने और “गटर की भाषा” का इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाई और पुलिस को दुश्मनी और घृणा को बढ़ावा देने के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि टिप्पणियां सशस्त्र बलों के लिए “अपमानजनक” थीं, जो “शायद देश की आखिरी संस्था” है जो ईमानदारी, अनुशासन, बलिदान, निस्वार्थता, चरित्र, सम्मान और अदम्य साहस को दर्शाती है।

राज्य कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विजय शाह से इस्तीफा मांगना चाहिए। उनकी पार्टी के सहयोगी दिग्विजय सिंह ने कहा कि शाह की मानसिकता ‘भाजपा की ट्रोल सेना’ जैसी है और प्रधानमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उन्हें मंत्री की टिप्पणी उचित लगी।

आलोचनाओं के बीच शाह ने कहा कि अगर किसी को उनके बयान से ठेस पहुंची है तो वह 10 बार माफी मांगने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मान करते हैं।

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