कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में राजेश राठौड़ को उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही नौ सीटों के ले 21 मई को होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शामिल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन पांच सीटों पर ही उम्मीदवार उतारेगा। विपक्षी भाजपा ने शुक्रवार को चार उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी। इससे पहले कांग्रेस दो सीटों के लिए अड़ी थी। कांग्रेस के दो सीटों पर लड़ने पर ठाकरे के लिए मुश्किल हो सकती थी लेकिन कांग्रेस के एक सीट पर चुनाव मैदान में होने से ठाकरे की राह आसान हो गई है और सभी का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है।
एमवीए उम्मीदवार 11 को करेंगे नामांकन
भाजपा प्रत्याशियों ने शुक्रवार को ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया था जबकि सीएम ठाकरे सहित पांच एमवीए उम्मीदवार 11 मई को अपने पर्चे दाखिल करेंगे, जो नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। 24 अप्रैल को रिटायर होने के बाद खाली हुई नौ सीटों को भरने के लिए विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव हो रहे हैं, जिन्हें 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य चुनेंगे। उम्मीदवार को विजयी होने के लिए 29 मत चाहिए। भाजपा के 105 विधायक हैं और उसका दावा है कि उसे छोटे दलों के 11 सदस्य और और निर्दलीयों का समर्थन है। अपने चार उम्मीदवारों को निर्वाचित करने के लिए उसे प्रथम वरीयता के 116 मतों की आवश्यकता है।
दिग्गजों को किया नजरअंदाज
भाजपा ने शुक्रवार को अपने चार उम्मीदवारों की सूची जारी की थी जिसमें पुराने और दिग्गज नेताओं को नजरअंदाज कर नए चेहरों को टिकट दिया गया। भाजपा के उम्मीदवारों में प्रवीण दटके, गोपीचंद पाडलकर, अजित गोपछड़े और रणजीत सिंह मोहिते पाटिल शामिल हैं। भाजपा की सूची में राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे और पंकजा मुंडे को जगह नहीं मिली।
उद्धव ठाकरे को नामित करने पर नहीं माने राज्यपाल
कोरोना संकट के कारण विधान सभा की किसी सीट पर उपचुनाव संभव नहीं होने के कारण ठाकरे ने राज्यपाल कोटे की विधान परिषद सीट पर उन्हें मनोनीत करने का कोश्यारी से अनुरोध किया था। राज्य विधान परिषद में राज्यपाल कोटे की दो सीट सुरक्षित हैं। हालांकि राज्यपाल ने ठाकरे को मनोनीत करने के बजाय आयोग से विधान परिषद की रिक्त सीटों पर चुनाव कराने का अनुरोध किया। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के अनुरोध पर आयोग ने कोरोना संकट के मद्देनजर चुनाव कराने पर लगाई गई पाबंदी में विशेष परिस्थितियों का हवाला देते हुए ढील देने का फैसला किया।