उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद से कांग्रेस पार्टी में घमासान जारी है। हार के बाद प्रदेश अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया है। दूसरी पार्टी के जी-23 नेताओं की तरफ से हुई बैठकों को लेकर अब सियासी संग्राम जारी है। इन सब के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गुलाम नबी आज़ाद सालों से पार्टी में हैं वे सब कुछ जानते हैं। उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की। उन्होंने पार्टी को साथ रखने की बात कही है। यह एक अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं यह एक स्वागत योग्य कदम है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी को साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के कमजोर होने के लिए अकेले गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। इसके लिए हम सब कांग्रेसी नेता जिम्मेदार हैं। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी ज्यादातर लोगों ने यही बात मानी थी। खड़गे यहां कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मुलाकात पर बात कर रहे थे।
मालूम हो कि शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद ने जी-23 के नेताओं से बैठक के बाद सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद आजाद ने कहा कि उनकी सोनिया गांधी से आने वाले चुनावों की रणनीति को लेकर चर्चा हुई। पार्टी अध्यक्ष को लेकर उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों के वक्त तय हो जाएगा कि कौन पार्टी अध्यक्ष होगा। उन्होंने बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति में सोनिया गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी. जिसे सभी ने एकमत से खारिज कर दिया था।
गौरतलब है कि हाल ही हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की बुरी तरह हार हुई है। उसने पंजाब में सत्ता गंवाई है तो वहीं बाकी राज्यों में भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई है, जिसके बाद एक बार फिर से कांग्रेस नेतृ्त्व पर सवाल उठाए जाने लगे। इस बीच ये बात भी सामने आई कि गांधी परिवार को अब कांग्रेस का नेतृत्व किसी और के हाथों में सौंपना चाहिए।