काेरोना की चुनौती के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह को कांग्रेसियों से भी कड़ी चुनौती मिल रही है। धार्मिक ग्रंथाें की बेअदबी मामले में आरोपियों को उजागर करने में सरकार की विफलता पर कांग्रेस के दो सांसदों,एक केबिनेट मंत्री व विधायक नवजोत सिंह सिद्धू समेत आधा दर्जन विधायकों ने कैप्टन के खिलाफ मौर्चा खोल दिया है। सोमवार को कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के चंडीगढ़ के सेक्टर 39 स्थित सरकारी आवास पर सांसद प्रताप सिंह बाजवा, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, विधायक राज कुमार वेरका, विधायक रणदीप सिंह नाभा ने बैठक में कैप्टन द्वारा गठित नई एसआईटी की रिपोर्ट एक महीने के भीतर हाईकोर्ट में पेश किए जाने बारे कैप्टन अमरिदंर सिंह पर दबाव बनाया।
इस बारे सहकारिता एवं जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि उनके निवास पर हुई बैठक कोई पूर्व नियोजित नहीं थी और न ही इसके लिए मैंने सांसदों व विधायकों को बुलाया था। यह अनौपचारिक बैठक थी जिसमें एक के बाद एक जमा हुए सांसदों व विधायकों ने राज्य के मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा की जिसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले पर हमारी सरकार के अब तक के स्टैंड पर भी चर्चा हुई। चर्चा में एक बाद सामने आई कि पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा द्वारा एसआईटी के सुबूतों को हाईकोर्ट में सही ढंग से पेश न किए जाने की वजह से कोर्ट ने एसआईटी और उसकी रिपोर्ट खारिज कर दी है।
बैठक में शामिल हुए लुधियाना के सांसद रवनीत बिट्टू ने कहा, कई अन्य मामलों में भी उनकी वजह से सरकार का पक्ष कमजोर हुआ है। इसलिए कैप्टन तुरंत कार्रवाई करें, ताकि धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के आरोपियों को सजा दिलाई जा सके। हाईकोर्ट द्वारा एसआईटी को रद्द करने के फैसले से सरकार से नाराज चल रहे मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन को इस्तीफा दे दिया था,जिसे कैप्टन ने नामंजूर कर दिया।
इधर कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा, सुंदर शाम अरोड़ा और साधू सिंह धर्मसोत ने विधायक नवजोत सिंह सिद्धू की कैप्टन के खिलाफ की जजा रही बयानबाजी की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस हाईकमान से सिद्धू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। मंत्रियों ने सोनिया गांधी,राहुल गांधी,सीएम कैप्टन अमरिदंर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर सिद्धू को पार्टी से तुरंत निकाले का दबाव बनाया है।