बहुजन समाजपार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर अखिलेश यादव पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए बार-बार विदेशी दौरे करना नहीं बल्कि विजन जरूरी है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव विधानसभा अध्यक्ष के विदेश भ्रमण की आड़ लेकर अपनी उन कमियों पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं जिनके लिए भाजपा उन्हें अक्सर निशाना बनाती रही है।
मायावती ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए सही सोच व विजन जरूरी है जो कि बिना विदेशी दौरों के भी संभव है। जिस तरह दंगा, हिंसा व अपराध-मुक्ति के लिए मजबूत इच्छाशक्ति जरूरी है ठीक उसी तरह विकास के लिए संकीर्ण नहीं, सही सोच जरूरी है।
गौरतलब है कि बसपा नेता ने अखिलेश यादव के मंगलवार को विधानसभा में दिए गए बयान पर ट्वीट किया है। अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर मैं विदेश न जाता तो लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे जैसा विश्वस्तरीय एक्सप्रेस वे कभी न बना पाता।
मायावती यूपी चुनाव में बसपा की करारी हार पर सपा पर लगातार हमलावर हैं। उनका कहना है कि मुसलमानों ने सपा को वोट किया जिससे भाजपा को सत्ता में आने में मदद मिली।
यूपी चुनाव 2022 में सिर्फ एक सीट पर सिमट गई बसपा की हार की समीक्षा के बाद मायावती लगातार समाजवादी पार्टी और भाजपा पर हमले कर रही हैं। कल उन्होंने एक ट्वीट में मुस्लिम समाज को आगाह करते हुए बीजेपी की जीत के लिए समाजवादी पार्टी के पक्ष में की गई मुस्लिम समाज की एकतरफा वोटिंग को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा और भाजपा के बीच अंदरुनी मिलीभगत है।
एक ट्वीट में मायावती ने लिखा- 'यूपी में सपा और भाजपा की अन्दरूनी मिलीभगत जग-जाहिर रही है। इन्होंने विधान सभा आमचुनाव में भी हिन्दू-मुस्लिम कराकर यहां भय और आतंक का माहौल बनाया, जिससे खासकर मुस्लिम समाज गुमराह हुआ और सपा को एकतरफा वोट देने की भारी भूल की। जिसको सुधार कर ही भाजपा को यहां हराना संभव है।'
दरअसल, बसपा सुप्रीमो को लगता है कि यूपी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की हार हिन्दू-मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के चलते हुए है। इसके पहले पार्टी की हार पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समाज का पूरा वोट बीजेपी को हराने के लिए समाजवादी पार्टी की तरफ शिफ्ट कर गया। बसपा को इसी की सजा मिली।