हालांकि उन्होंने प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव लड़ने के बारे में कहा कि इस बारे में पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। प्रदेश में लड़ाई भाजपा और सपा के बीच ही रहेगी, कांग्रेस के लिए वहां कोई उम्मीद नहीं है। एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वह राज्य में चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त हैं। दलितों के खिलाफ हालिया मामलों और दलित आंदोलनों को लेकर शाह ने कहा कि यह सभी मामले राजनीतिक रूप से खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात का हालिया दलित आंदोलन 100 फीसदी राजनीति से प्रेरित था।
यूपी के बारे में शाह का कहना था कि वहां जनता ने परिवर्तन का मूड बना लिया है और जब डिब्बे (ईवीएम) खुलेंगे तो मेरी बात याद रखना। उन्होंने कहा कि यूपी में इस बार भाजपा और सपा के बीच ही मुकाबला है। मीडिया पर भी दोषारोपण करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि उनकी बात को मीडिया कुछ देर से समझता है। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि भाजपा यूपी में बसपा को कमजोर करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि बसपा अपने आंतरिक वजहों से कमजोर हो रही है, इससे भाजपा का कोई लेना देना नहीं है। गौरतलब है कि हाल के दिनों में बसपा के कई कद्दावर नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार के गुड गवर्नेंस की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के विकास के कामों को हम जनता तक ले जा रहे हैं क्योंकि इसी के जरिये हम लोगों को बदलाव का संदेश दे सकते हैं और एक आर्थिक विकास का ऐसा मॉडल उनके सामने रख सकते हैं जिसमें समाज के सबसे गरीब तबके को भी पूरी सेवा पर जोर हो। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जब समाज के सबसे निचले तबके का विकास होगा तभी पूरे देश का विकास होगा और इसके लिए केंद्र सरकार काम कर रही है। पार्टी राज्यों में यह संदेश दे रही है कि भाजपा ही यह करने में सक्षम है इसलिए उसे मौका दिया जाए।
गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन के बारे में शाह यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं आनंदीबेन को पद से हटाया गया। उन्होंने कहा कि वह स्वेच्छा से हटी हैं और उनके संबंध आनंदी बेन के साथ बहुत अच्छे हैं।
कांग्रेस के साथ भाजपा के संबंधों के बारे में पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि हमारे संबंध बिलकुल उसी प्रकार हैं जैसे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच होने चाहिए। उन्होंने जम्मू कश्मीर में पीडीएफ के साथ किसी प्रकार के मतभेद से भी इनकार किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में महबूबा मुफ्ती की लाइन भी देश के अन्य राजनीतिक दलों की राय के जैसी ही है।
भाजपा अध्यक्ष से यह पूछे जाने पर कि देश के दूसरे सबसे ताकतवर व्यक्ति के रूप में वह कैसा महसूस करते हैं, शाह ने कहा कि इस देश में पहला ताकतवर व्यक्ति ही कोई नहीं है, प्रधानमंत्री खुद को देश का प्रधान सेवक कहते हैं, तो दूसरे ताकतवर शख्स का सवाल कहां खड़ा होता है।