पिछले सप्ताह जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद में फेरबदल किया तो एेसी अटकलें लगाई गईं कि नजमा और लघु एवं मध्यम उपक्रम मंत्री कलराज मिश्र से इस्तीफा देने के लिए कहा जा सकता है। ये दोनों 75 साल से अधिक के हैं। माना जाता है कि मोदी ने मंत्रियों के लिए 75 साल की आयुसीमा तय की है और लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गजों को कैबिनेट से बाहर रखा तथा उनको मागर्दर्शक मंडल का हिस्सा बनाया।
सरकारी सूत्रों के अनुसार नजमा देश से बाहर थीं और इसलिए बीते पांच जुलाई को इस्तीफा नहीं दे सकीं, हालांकि उन्होंने एेसा करने का फैसला कर लिया था। इसी तरह सिद्धेश्वर भी दिल्ली से बाहर थे और पांच जुलाई को इस्तीफा नहीं दे सके। प्रधानमंत्री के आज विदेश दौरे से लौटने के बाद दोनों ने इस्तीफे सौंप दिए। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार मुख्तार अब्बास नकवी को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी बतौर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दी गई है।
बाबुल सुप्रियो को शहरी विकास मंत्राालय से हटाकर भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। नजमा ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन कलराज मिश्रा 75 की उम्र के बाद भी मंत्रिपरिषद में बने हुए हैं माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए उनको मंत्रिपरिषद में बनाए रखा गया है। वह राज्य में एक जानेमाने ब्राह्मण नेता हैं। कर्नाटक से लोकसभा सदस्य सिद्धवेश्वर ने पांच जुलाई के बाद इस्तीफा देने का समय मांगा था क्योंकि उस दिन उनका जन्मदिन था। इससे पहले निहाल चंद, रामशंकर कठेरिया, सांवर लाल जाट, मनसुख भाई वासवा और एमके कौंद्रिया को मंत्रिापरिषद से हटाया गया था। एजेंसी