कांग्रेस ने मोदी सरकार के उस आदेश को लेकर निशाना साधा है जिसके तहत किसी के कंप्यूटर का डेटा सरकार खंगाल सकती है। कांग्रेस ने कहा कि राफेल घोटाले में चर्चा शुरु हुई कि चौकीदार भागीदार है लेकिन ताजा आदेश के बाद ये चर्चा शुरु हो गयी है कि चौकीदार जासूस भी है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने एक कांफ्रेस में कहा कि भाजपा अब राजनीतिक हताशा में घर-घर की निजी बातचीत सुनना चाहती है। सरकार 10 जांच एजेंसियों को ये हक देती है कि वो कोई भी कम्प्यूटर इंटरसेप्ट कर सकते हैं। मोदी जी का पहले भी ये ट्रैक रिकार्ड रहा है, उनको ताक-झांक की लत लग चुकी है।
'सर्कुलर गैरकानूनी और आईटी एक्ट के खिलाफ'
उन्होंने कहा कि सरकार का ये सर्कुलर असंवैधानिक, गैरकानूनी और आईटी एक्ट के खिलाफ है और 9 जजों की बेंच के आदेशों की धज्जियां उड़ाने वाला है। गृह मंत्रालय के इस सर्कुलर का असर देखिए कि मोदी जी के कान अब घर-घर में है। मोदी सरकार के एक पेज के आदेश ने निजता के अधिकार पर 547 पेज के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कुचल दिया है।
'जनहित नहीं मोदी हित में है आदेश'
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी जी अब हर फोन की बातचीत सुन सकते हैं। ये आदेश कानून के तहत जनहित में नहीं बल्कि मोदी जी के हित में जारी किया गया है। ये आदेश वोट की चोट के खतरे से बचने के लिये जारी किया गया है। उन्होंने मांग की कि इस गैरकानूनी आदेश जल्द से जल्द वापस लिया जाए और इसे जारी करने को लेकर सफाई दी जाए।
गृह मंत्रालय ने कंप्यूटर के डेटा की जांच के लिए 10 केंद्रीय एजेंसियों के अधिकार बढ़ा दिए हैं। जांच एजेंसियां अब किसी भी कंप्यूटर में मौजूद डेटा की जांच कर सकती हैं। इसे लेकर विपक्षा ने निजता के अधिकार पर हमला बताया है।