किसान क्रांति पदयात्रा को लेकर राजनीति गरम है। भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में किसान दिल्ली में दाखिल होने की जद्दोजहद कर रहे हैं। वहीं सरकार उन्हें किसी हालत में रोकने के लिए प्रयास कर रही है। किसानों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने वाटर कैनन के साथ साथ आंसू गैस के गोले छोड़े हैं लेकिन किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है। कांग्रेस ने इस कार्रवाई को बर्बर करार देते हुए मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि महात्मा गांधी की जयंती पर मोदी सरकार ने दिखाया है कि यह भारत में पूर्व स्वतंत्रता ब्रिटिश सरकार से अलग नहीं है। तब सरकार ने किसानों का शोषण किया और आज मोदी सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले फायर कर रही है।
किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में अब उतरी समाजवादी पार्टी भी उतर आई है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसानों के प्रदर्शन को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने किसानों को किए गए वादे को पूरा नहीं किया है, इसलिए यह स्वाभाविक है कि किसान विरोध करेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और हम किसानों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।
वहीं आम आजमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत क्यों नहीं है? ये गलत है। हम किसानों के साथ हैं।
गौरतलब है कि कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम करने जैसी मांगों को लेकर किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से शुरू हुई थी। जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार को गाजियाबाद तक पहुंच गए। जहां इन किसानों को रोक दिया गया। इन किसानों की योजना गांधी जयंती के मौके पर राजघाट से संसद तक मार्च करने की है। लेकिन दिल्ली पुलिस की ओर से उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई है।