अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे के अंतिम दिन राहुल ने भादर विकासखंड के रामगंज छीड़ा स्थित आचार्य विनोबा भावे महाविद्यालय में भावे की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर कहा, विनोबा भावे और महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। कांग्रेस उन्हीं के रास्ते पर चल रही है। आरएसएस और मोदी हिंसा कराकर देश पर राज करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मोदी घोषणाओं के प्रधानमंत्री हैं। देश में किसान परेशान हैं। विकास के काम ठप है और प्रधानमंत्री सूट-बूट में विदेश घूम रहे हैं। कांग्रेस आम जनता की लड़ाई लड़ रही है लेकिन राहुल अकेले ये काम नहीं कर सकता है। इसमें आप सबको भी लड़ाई के लिये आगे आना होगा। इससे पूर्व, लहियावां गांव में आयोजित नुक्कड़ सभा में मौजूद लोगों से पूछा, मोदी जी ने चुनाव में आपसे कालेधन को वापस लाकर सभी के खातों में 15-15 लाख रुपये डालने की बात कही थी, क्या वह पैसा आपको मिला? कांग्रेस उपाध्यक्ष ने ना कुछ मिला है, ना कुछ मिलेगा का नारा दिया जिसे उपस्थित लोगों से कई बार दोहराने के लिए भी कहा। उन्होंने आरोप लगाया, मोदी सिर्फ बातें करते है, उनमें उन बातों को अमली जामा पहनाने का दम नहीं है। व्यापमं, सुषमा और वसुंधरा मसले पर चुप्पी और एफटीआईआई के छात्रों की गिरफ्तारी के संदर्भ में उन्होंने चुप्पी, निलंबन और गिरफ्तारी को मोदी सरकार के अच्छे दिनों का मंत्र बताया। राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ललित मोदी जैसे लोगों के संरक्षक के तौर पर काम कर रही है।
इस कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद राहुल दिल्ली जाने के लिए सड़क मार्ग से लखनऊ हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए। इससे पहले, मुंशीगंज गेस्ट हाउस में राहुल ने अमेठी से प्रदेश कांग्रेस के सदस्यों के साथ बैठक में विधानसभा चुनाव के संभावित उम्मीदवारों के नाम पर भी बात की। सूत्रों के मुताबिक बैठक में सदस्यों ने पूर्व में हारे लोगों को चुनाव टिकट न देने की बात रखी तो राहुल ने इस पर सहमति दी। राहुल ने हर हाल में अमेठी की पांचों सीटे हासिल करने पर जोर दिया। राहुल ने कहा कि हम अपनी बात जनता के बीच मजबूती से रखने में कंजूसी करते हैं, केंद्र सरकार की नाकामी, किसान विरोधी नीतियों की बात हमें जनता के बीच पहुंचानी होगी। समय कम है। आपसी मनमुटाव को भुलाकर विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं।