गौरतलब है कि भूपेंद्र यादव को बिहार का प्रभारी बनाया गया था। लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा को कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ। फिर भी पिछड़ी जाति खासकर यादव होने के नाते यादव को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने के पीछे भाजपा नेताओं का तर्क है कि इससे उत्तर प्रदेश के मतदाताओं के बीच अच्छा संदेश जाएगा। भूपेंद्र यादव पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबियों में उनकी गिनती होने लगी। यादव को जल्द ही भाजपा संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी मिल गई और वे महासचिव बना दिए गए। पहले झारखंड और बाद में बिहार के प्रभारी रहे यादव पेशे से वकील हैं।
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और प्रदेश में यादव मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भूपेंद्र यादव को मंत्रिमंडल में जगह देकर उत्तर प्रदेश में सक्रिय किया जा सकता है।