मध्य प्रदेश में लगातार सियासी घमासान जारी है। अब मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। कांग्रेस ने अपनी याचिका में बागी विधायकों से संपर्क कराने के लिये केन्द्र और भाजपा नेतृत्व वाली कर्नाटक की भाजपा सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है। इससे पहले विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने को लेकर शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री कमलनाथ, विधानसभा स्पीकर और विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया है। कल सुबह 10.30 बजे मामले की सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा है कि आदेश की कॉपी, ईमेल, वाट्एसएप के माध्यम से बागी विधायकों को भी दी जाए।
कांग्रेस पार्टी ने अनुरोध किया कि केन्द्र, कर्नाटक सरकार और मध्य प्रदेश भाजपा द्वारा उसके विधायकों को ‘गैरकानूनी तरीके से बंधक’ बनाने की कार्रवाई घोषित की जाए। साथ ही अपने बागी विधायकों को चल रहे बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति के लिए निर्देश देने की भी मांग की है। कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप गोविंद सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि विश्वास मत केवल राज्य विधानसभा के सभी निर्वाचित विधायकों की उपस्थिति में होना चाहिए। साथ ही कहा गया है कि राज्यपाल लालजी टंडन का सरकार को विश्वास मत हालिस करने के लिए कहना "अवैध और असंवैधानिक" घोषित किया जाए।
बता दें कि भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के कांग्रेस विधायक करीब एक सप्ताह से बेंगलुरु के एक होटल में हैं। कांग्रेस का आरोप है कि इनमें से काफी विधायक ऐसे हैं जिन्हें भाजपा ने जबरन होटल में रखा है। जब तक ये विधायक वापस भोपाल नहीं लौटते हैं फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता है। वहीं, भाजपा लगातार फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है और मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल से मुलाकात की। राज्यपाल लालजी टंडन ने दो बार मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखाकर फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है।
सोमवार को सदन हो गया था स्थगित
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देशों के बाद सदन में शक्ति परीक्षण कराने की भाजपा की मांग और प्रदेश सरकार द्वारा स्पीकर का ध्यान कोरोना वायरस के खतरे की ओर आकर्षित किए जाने के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सोमवार को सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी। राज्यपाल द्वारा शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर विश्वास मत हासिल करने के निर्देश दिए जाने का हवाला देते हुए भाजपा ने अभिभाषण के बीच शक्ति परीक्षण कराने की मांग की। राज्यपाल को सदन में अभिभाषण पढ़ते हुए एक मिनट ही हुआ था कि भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ऐसी सरकार का अभिभाषण पढ़ रहे हैं जो अल्पमत में है। हालांकि राज्यपाल ने विधायकों से अपील की कि वह नियमों का पालन करें और शांति से काम लें। उन्होंने विधायकों से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए संवैधानिक परंपराओं का पालन करने का आग्रह किया।
विधायकों ने दिया इस्तीफा
बता दें कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किये जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये। उनके साथ ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के समर्थक हैं। शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।