कांग्रेस के लिए कई मोर्चों पर मुसीबतें पंजाब में दिखाई दे रही है। पार्टी के भीतर घमासान छिड़ा है। लगातार पार्टी अपने नेताओं को मनाने में लगी है लेकिन, ये मुश्किलें कांग्रेस के लिए कम होता नहीं दिखाई दे रहा है। एक तरह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू को आलाकमान मनाने में लगी हुई है। आज सिद्धू और राज्य के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मुलाकात करेंगे।
वहीं, अब पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि अब बहुत हो गया है। सीएम की सत्ता को कमजोर करने की कोशिशों पर रोक लगाएं। उन्होंने सिद्धू की नाराजगी को लेकर भी ट्वीट के जरिए अपनी बातें कही है। जाखड़ ने कहा है कि एजी और डीजीपी के चयन पर लगाए जा रहे आरोप वास्तव में उनकी ईमानदारी/क्षमताओं पर सवाल उठा रहे हैं। यह कदम पीछे खींचने का समय है, जिससे हवा (सियासी रुख) को साफ किया जा सके।
इससे पहले भी सुनील जाखड़ पार्टी के खिलाफ बयान दे चुके हैं। कैप्टन अमरिंदर के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने दलित कार्ड खेलते हुए आगामी चुनाव के मद्देनजर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया है। इसके बाद प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने ऐलान किया था कि अगला विधानसभा चुनाव पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ेगी। इस बयान पर जाखड़ ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि इससे मुख्यमंत्री की शक्ति को कमजोर किया जा रहा है।
दरअसल, कैप्टन और सिद्धू के बीच कई महीनों से रार ठनी है। अब कैप्टन के इस्तीफा देने के बा सिद्धू ने भी इस्तीफा दे दिया है। कैप्टन तो अब कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिए हैं। उनका कहना है कि मैं पार्टी में अपमानित नहीं हो सकता हूं। हालांकि, उन्होंने बीजेपी में जाने की संभावनाओं को भी खारिज कर दिया है। लेकिन, दो दिनों से लगातार वो भाजपा और गृहमंत्री अमित शाह के संपर्क में हैं। बुधवार शाम उन्होंने शाह से मुलाकात की थी.