दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) को ‘बेकार’ बताते हुए मंगलवार को कहा कि दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश में मुख्य सचिव को मंत्रिमंडल से ऊपर रखा गया है और आम आदमी पार्टी सरकार इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।
एनसीसीएसए की पहली बैठक में भाग लेने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि यह प्राधिकरण बेकार है और सरकार उच्चतम न्यायालय में जाएगी। उन्होंने दावा किया कि अध्यादेश के माध्यम से चुनी हुई सरकार के अधिकार छीन लिये गये हैं और केंद्र सरकार अधिकारियों के माध्यम से दिल्ली पर नियंत्रण चाहती है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हर मंत्री के ऊपर एक अधिकारी को प्रभार दिया गया है। केंद्र सरकार अधिकारियों के माध्यम से दिल्ली सरकार पर नियंत्रण चाहती है। अध्यादेश में दिल्ली के मुख्य सचिव को मंत्रिमंडल से ऊपर रखा गया है।’’
केजरीवाल ने कहा कि अधिकारियों को मंत्रियों के फैसले खारिज करने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की बैठक से कुछ दिन पहले उन्हें एक अधिकारी के निलंबन के संबंध में एक फाइल मिली थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ सवाल पूछे लेकिन फाइल कभी मेरे पास वापस नहीं आई। फाइल उपराज्यपाल को भेज दी गयी और अधिकारी को यह कहते हुए निलंबित कर दिया गया कि दो सदस्यों (एनसीसीएसए के) ने मंजूरी दे दी है। एनसीसीएसए बेकार है। हम सभी मामलों को उच्चतम न्यायालय ले जाएंगे।’’