लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि गांधी-नेहरू परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति का पार्टी चला पाना काफी मुश्किल है। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि गांधी-नेहरू परिवार ही कांग्रेस की ब्रांड इक्विटी हैं। चौधरी के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी की वापसी अब काफी हद तक उन क्षेत्रीय पार्टियों के कमजोर होने पर निर्भर है, जिनकी कोई विचारधारा ही नहीं है।
सोनिया गांधी के एक बार फिर पार्टी अध्यक्ष बनने पर चौधरी ने कहा, ‘गांधी परिवार के बाहर के किसी भी व्यक्ति का पार्टी चला पाना काफी मुश्किल होगा। राजनीति में भी ब्रांड इक्विटी होती है। अगर मौजूदा भाजपा को देखा जाए तो क्या मोदी और अमित शाह के बिना वह सही ढंग से कार्य करेगी। जवाब है नहीं।‘
‘कांग्रेस कर सकती है भाजपा जैसी सांप्रदायिक पार्टी का सामना’
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस जैसी मजबूत विचारधारा और देश भर में मौजूदगी वाली पार्टी ही भाजपा जैसे सांप्रदायिक दल का सामना कर सकती है। जिस तरह क्षेत्रीय पार्टियां काम कर रही हैं। आने वाले दिनों में वे अपनी अहमियत खो देंगी और इसके बाद देश दो ध्रुवीय विचारधारा वाली राजनीति की तरफ बढ़ जाएगा। जब दो ध्रुवों वाली राजनीति शुरू होगी तो हम फिर से सत्ता में लौटेंगे। यानी कांग्रेस का भविष्य काफी उज्ज्वल है।
‘सोनिया अध्यक्ष पद नहीं चाहती थीं’
चौधरी ने बताया कि सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद पर लौटने से इनकार कर चुकी थीं लेकिन राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर वे पार्टी को मुश्किल से निकालने के लिए तैयार हो गईं। उन्होंने कई मुश्किल दौरों पर पार्टी का नेतृत्व किया है। उन्हीं की वजह से कांग्रेस 2004 और 2009 में सरकार बनाने में सफल हो पाई थी।