केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार किया है। दिल्ली में चल रहे कांग्रेस के महाधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कांग्रेस को पांडव बताने और भाजपा को कौरव कहने पर निर्मला सीतारमण ने आपत्ति जताई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला ने कहा, कांग्रेस पार्टी खुद को पांडव कह रही है। ये वही पार्टी है, जिसनें भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था। यह वही पार्टी है, जो हिंदुओं और हिन्दू मान्यताओं का मजाक उड़ाने में ये पार्टी कसर नहीं छोड़ती।
Congress Party wants to identify itself with the Pandavas, The same party which questioned the fundamental existence of Lord Ram. It is the party which chooses to mock Hindus and Hindu rituals : BJP leader Nirmala Sitharaman on Rahul Gandhi's speech at #CongressPlenarySession pic.twitter.com/4fGszVj9h0
— ANI (@ANI) March 18, 2018
निर्मला ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने इस देश के न्यायाधीशों का भी मजाक उड़ाया है।
बता दें कि कांग्रेस के 84वें अधिवेशन के अंतिम कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित करते हुए मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने समापन भाषण में मोदी सरकार और संघ पर करारा प्रहार किया, वहीं कांग्रेस पार्टी को देश की आवाज बताया।
राहुल ने कहा कि भाजपा और आरएसएस कौरवों के समान सत्ता के लिए लड़ रही है जबकि कांग्रेस पांडवों के समान सत्य के लिए लड़ रही है। भाजपा एक संगठन की आवाज है जबकि, कांग्रेस एक देश की आवाज है।
राहुल ने कहा कि वर्तमान में भ्रष्टाचार और ताकत से देश को नियंत्रित किया जा रहा है। एक तरफ तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था थी, वहीं, अब करोड़ों युवाओं के पास रोजगार नहीं है। आज चीन हर जगह है, हर जगह मेड इन चाइना का बोलबाला है। अच्छे दिन, स्वच्छ भारत और बैंक में 15 लाख का वादा जुमला है। नोटबंदी, गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी), योग परेड जैसी कई बातें। देश में रोजगार नहीं है, किसान मर रहे हैं, पर पीएम कहते हैं कि चलो इंडिया गेट पर योग करें। देश की जनता की आवाज उठाने के लिए कोई हमें नहीं रोक सकता है। गरीबों को उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं। जब हम सवाल उठाते हैं तो सरकार से उनका जवाब चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि गांधी ने 15 साल जेल में बिताया और देश के लिए उनकी मृत्यु हो गई। लेकिन भारत को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि जब हमारे नेता जेल में फर्श पर सोए, तब सावरकर ने अंग्रेजों से दया और क्षमादान की भीख मांगते हुए पत्र लिखा।