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त्रिपुरा में वाम सरकार के 25 सालों में नहीं हुई कोई मॉब लिंचिंग: माणिक सरकार

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने दावा किया है कि राज्य में वाम मोर्चा के 25 साल के शासन में...
त्रिपुरा में वाम सरकार के 25 सालों में नहीं हुई कोई मॉब लिंचिंग: माणिक सरकार

त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने दावा किया है कि राज्य में वाम मोर्चा के 25 साल के शासन में मॉब लिंचिंग की कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं तब होती हैं जब कोई सरकार अपने वादे को पूरा करने में विफल रहता है और लोगों के ध्यान को कहीं और भटकाना चाहती है।  

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में हुई मॉब लिंचिंग के विरोध में ‘लोकतंत्र की हत्या’ के खिलाफ पांच वाम दलों ने दिल्ली में एकजुटता दिखाई। इस दौरान वामपंथी नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने वादों को पूरा करने में असफल रहा है। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने वर्ग और पंथ के आधार पर समाज को विभाजित करने का प्रयास किया था। त्रिपुरा में चार लोगों लिंचिग में मौत का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि "ऐसी घटनाएं 25 वर्षीय वाम मोर्चा शासन में कभी नहीं हुईं।"

उनके अनुसार, "ऐसी घटनाएं होती हैं जब सरकार चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा नहीं कर सकती है और उन पर उंगलियां उठाने वाले लोगों का ध्यान बदलना चाहती है"।

सरकार ने आरोप लगाया कि बच्चा चोरी, मॉब लिंचिंग और गौ रक्षा के नाम पर गुंडागर्दी की घटनाएं भाजपा के "भयावह डिजाइन" का हिस्सा हैं, ताकि केंद्र में सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान हटा सके।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक और दलित देश में प्रचलित "इस डर के मनोविज्ञान का सबसे ज्यादा शिकार हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार बीजेपी के विरोध करने वालों की आवाजों को कुचलना चाहती है।

इससे पहले, त्रिपुरा में वाम मोर्चा ने बीजेपी पर राज्य में "उन्माद की स्थिति" बनाने का आरोप लगाया था और आरोप लगाया था कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं षड्यंत्र का हिस्सा थीं।

माणिक सरकार ने आरोप लगाया "भाजपा सरकार के खिलाफ एक आंदोलन आकार ले रहा है क्योंकि वे लोगों के बीच असफल रहे हैं। बीजेपी इस वजह से डर रही है और यह महसूस कर रही है कि लोग उनके खिलाफ हो गए हैं। अचानक, लिंचिंग शुरू हो गईं ... यही वह तरीका है जिससे वे लोगों का ध्यान बदलना चाहते हैं।

राज्य में बिप्लब देब के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की तरह, त्रिपुरा में भी, राज्य सरकार विधानसभा चुनावों में किए गए अपने वादे को पूरा करने में सक्षम नहीं है।

उन्होंने कहा, "अब भुखमरी शुरू हो गई है। स्थिति ने राज्य अर्थव्यवस्था पर दबाव डाला है। व्यापार और व्यवसाय स्थिर हो गया है। लोगों ने सरकार से पूछताछ शुरू कर दी है।"

 

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