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लोकतंत्र की जननी नहीं, ‘तानाशाही के जनक’: हेराल्ड मामले में सिब्बल ने साधा सरकार पर निशाना

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सरकार पर कांग्रेस को ‘‘पंगु'' बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल...
लोकतंत्र की जननी नहीं, ‘तानाशाही के जनक’: हेराल्ड मामले में सिब्बल ने साधा सरकार पर निशाना

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सरकार पर कांग्रेस को ‘‘पंगु'' बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और नेशनल हेराल्ड मामले में अचल संपत्तियों को कब्जे में लेने संबंधी प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस की कवायद को ‘‘लोकतंत्र पर हमला'' करार दिया।

सिब्बल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम कहने को तो लोकतंत्र की जननी हैं, लेकिन हकीकत में आप तानाशाही के जनक हैं।

वे (भाजपा) हिंदू-मुस्लिम एजेंडे पर अपनी राजनीति करना चाहते हैं और विपक्ष को खत्म करना चाहते हैं।'' प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक दिन पहले कहा था कि उसने 661 करोड़ रुपये की उन अचल संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने के लिए नोटिस जारी किया है, जिसे उसने कांग्रेस नियंत्रित नेशनल हेराल्ड अखबार और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (एजेएल) से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के तहत कुर्क किया था। नोटिस में मुख्य रूप से ईडी ने कब्जे में लिए जाने वाले परिसर को खाली करने के लिए कहा है।

इस मुद्दे पर सिब्बल ने कहा, "कब्जे के नोटिस का उद्देश्य समाचार पत्र की उन संपत्तियों को अपने कब्जे में लेना है, जिसमें कांग्रेस के कार्यालय हैं, ताकि पार्टी को पंगु बनाया जा सके।"

वरिष्ठ अधिवक्ता और निर्दलीय राज्यसभा सदस्य सिब्बल ने कहा, "अपराध क्या है? आपने 13 साल तक इंतजार क्यों किया? क्यों? क्योंकि आप संपत्ति हड़पना चाहते हैं। आप कांग्रेस पार्टी को पंगु बनाना चाहते हैं, सभी संपत्तियों पर कब्जा करना चाहते हैं ताकि वे काम न कर सकें। ''

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