हेपतुल्ला ने आज यहां गिरिराज सिंह के दो बच्चों की नीति के विवादित बयान के संबंध में पूछे गए सवाल पर संवाददताओं से कहा, मैं काफी समय से एक परिवार दो बच्चों की नीति की समर्थक रही हूं, लेकिन मेरे तीन बच्चे हैं और इस तरह से मैं भी कसूरवार हूं।
उन्होंने कहा, यदि मेरे समय दो बच्चों की सीमा होती तो मैं भी उसका पालन करती। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री ने कहा कि आपातकाल के बाद देश में आबादी नियंत्रण पर कोई बहस ही नहीं करना चाहता है। देश में दो बच्चों की नीति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी जमीन तो बढ़ नहीं रही, हमारी हवा, पानी भी नहीं बढ़ रही है तो कैसे हम उनको रखेंगे। आबादी बढ़ने से नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि वह दो बच्चों के छोटे परिवार की नीति का समर्थन करती हैं।
दरअसल, गिरिराज सिंह ने पश्चिम चंपारण के बगहा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, हिंदू का दो बेटा और मुसलमान को भी दो ही बेटे होने चाहिए। बिहार में सात जिले ऐसे हैं, जहां हमारी जनसंख्या घट रही है। जनसंख्या नियंत्रण के नियम को बदलना होगा। तभी हमारी बेटियां सुरक्षित रहेंगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो हमें भी पाकिस्तान की तरह अपनी बेटियों को पर्दे में बंद करना होगा। गिरिराज ने कहा कि अगर इस देश को विकसित राष्ट्र बनाना है तो बिना जनसंख्या नीति के काम नहीं चलेगा। देश में सभी के लिए एक समान जनसंख्या नीति होनी चाहिये तथा देश के अंदर एक ऐसा कानून बने जिसमें हिन्दू मुसलमान सिख ईसाई सबके दो बच्चे हों।