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नुपूर शर्मा विवाद पर कपिल सिब्बल बोले- वे ‘हेट ऑफ पॉलिटिक्स’ को रिप्रजेंट करते हैं, दिग्विजय से लेकर मायावती-ओवैसी तक, जानें किसने क्या कहा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी...
नुपूर शर्मा विवाद पर कपिल सिब्बल बोले- वे ‘हेट ऑफ पॉलिटिक्स’ को रिप्रजेंट करते हैं, दिग्विजय से लेकर मायावती-ओवैसी तक, जानें किसने क्या कहा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी करने को लेकर देश और विदेश में हंगामा जारी है। हालांकि भाजपा ने नूपुर शर्मा को बर्खास्त कर दिया है, लेकिन विपक्ष अभी भी बीजेपी पर हमलावर है और उन्हें जेल भेजने की मांग पर अड़ा हुआ है। इस मामले को लेकर विपक्ष भाजपा पर लगातार निशाना साध रहा है।

कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, ''नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल, यह लोग नफरत की राजनीति की मानसिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। अब इन्हें पीछे धकेलने का समय है।''

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''भारत सरकार बीजेपी के दो प्रवक्ताओं के बयान को 'फ्रिंज एलिमेंट्स' के रूप में बताती है। उन्हें बीजेपी के आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में किसने नियुक्त किया? क्या बीजेपी अध्यक्ष 'फ्रिंज एलीमेंट्स' को प्रवक्ता नियुक्त करने की जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे और सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे? अब निलंबित और निष्कासित दो बीजेपी नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने के बारे में क्या हो रहा है? क्या यूपी पुलिस को इनके खिलाफ केस दर्ज नहीं करना चाहिए?''

 

एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तंज कसा है। दिग्विजय सिंह ने लिखा, ''क्या किसी धर्म के खिलाफ बोलना कानून के तहत अपराध नहीं है? यूपी पुलिस केस दर्ज नहीं करेगी, क्योंकि उस परिभाषा में सीएम यूपी भी 'फ्रिंज एलिमेंट' की कैटेगरी में आ सकते हैं।''

वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) चीफ मायावती ने कहा, ''देश में सभी धर्मों का सम्मान जरूरी है। किसी भी धर्म के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल उचित नहीं है। इस मामले में बीजेपी को भी अपने लोगों पर सख्ती से शिकंजा कसना चाहिए। केवल उनको सस्पेंड व निकालने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उनको सख्त कानूनों के तहत जेल भेजना चाहिए। इतना ही नहीं बल्कि कानपुर में अभी हाल ही में जो हिंसा हुई है, उसकी तह तक जाना बहुत जरूरी है। साथ ही, इस हिंसा के विरुद्ध हो रही पुलिस कार्रवाईयों में निर्दोष लोगों को परेशान ना किया जाए, बीएसपी की यह भी मांग है।''

इस मामले पर एआईएमआईएस चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के मुसलमानों की बात आती है तो पीएम मोदी उनकी सुनते नहीं हैं। उन्होंने बीजेपी पर देश के मुसलमानों को अपमानित करने का आरोप लगाया है।

आज ओवैसी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी को 10 दिन बाद क्यों याद आया कि नुपूर शर्मा को पार्टी से बाहर निकालना है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने प्रवक्ताओं से कहती है कि टीवी डिबेट में हेट स्पीच दो।

ओवैसी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि ये पीएम की विदेश नीति की नाकामी है कि बाहरी देशों ने जब नुपूर शर्मा की टिप्पणी पर आपत्ति जताई तब उन्हें पार्टी से बाहर किया गया। उन्होंने कहा कि नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी होनी चाहिए। उन्होंने कानपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कानपुर हिंसा की घटना पर तो बीजेपी ने तुरंत एनएसए लगा दिया लेकिन पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

नुपुर शर्मा विवाद पर बीजेपी ने क्या कहा

नुपूर शर्मा को लिखे पत्र में बीजेपी केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने कहा, "आपने विभिन्न मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं, जो पार्टी के संविधान के नियम 10 (ए) का स्पष्ट उल्लंघन है। मुझे आपको यह बताने का निर्देश दिया गया है कि आगे की जांच लंबित रहने तक आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से और आपकी जिम्मेदारियों/कार्यो से निलंबित किया जाता है।

नूपुर शर्मा ने मांगी माफी

हालांकि इसके बाद नूपुर शर्मा ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी करने को लेकर माफी मांग ली थी। नूपुर ने लिखा, ''मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी,जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव जी का अपमान किया जा रहा था। मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है। दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं, जाओ जा के पूजा कर लो। मेरे सामने बार बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं। अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापिस लेती हूं। मेरी मंशा किसी को कष्ठ पहुंचाने की कभी नहीं थी।''

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