कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान उन्हें अपनी पार्टी द्वारा बोलने का अवसर नहीं दिये जाने के संबंध में मीडिया में आयी एक खबर को ‘एक्स’ पर मंगलवार को साझा करते हुए फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’ के लोकप्रिय गीत ‘‘भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं’’ का जिक्र किया।
इस बात को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थीं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखने के लिए विदेश भेजे गए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर लोकसभा में पहलगाम हमले और पाकिस्तान पर भारत की जवाबी कार्रवाई को लेकर जारी चर्चा बहस के दौरान अपनी पार्टी की तरफ से बोलेंगे या नहीं।
वरिष्ठ नेता शशि थरूर के चर्चा में शामिल न होने पर पहले से सवाल उठ रहे थे और अब आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने इस बहस को और रोमांचक बना दिया है।
मनीष तिवारी ने सोमवार को एक्स पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें बताया गया कि उन्हें और थरूर को संसद बहस से दूर रखा गया है। उन्होंने इस पोस्ट के साथ 1970 की फिल्म 'पूरब और पश्चिम' के देशभक्ति गीत की पंक्तियां लिखीं कि भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। इस इशारे को कांग्रेस नेतृत्व पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है।
थरूर पहले भी कह चुके हैं कि उनका पहला दायित्व राष्ट्र के प्रति है। उन्होंने कहा था कि पार्टी देश को बेहतर बनाने का जरिया है। इसलिए जो भी पार्टी हो, उसका लक्ष्य होना चाहिए भारत को बेहतर बनाना। इस बयान को पार्टी नेतृत्व से उनके मतभेद का संकेत माना जा रहा है, खासकर पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनके सार्वजनिक बयानों के बाद से।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार की वैश्विक कूटनीतिक पहल के तहत मनीष तिवारी और शशि थरूर उन सांसदों में शामिल थे, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों में भेजा गया था। इसी मिशन का हिस्सा रहे फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस सांसद अमर सिंह भी बहस में नहीं बोल रहे हैं। हालांकि आनंद शर्मा और सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ नेता भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे, लेकिन वे वर्तमान में सांसद नहीं हैं।
भाजपा ने इस मौके को भुनाने में देर नहीं की। वरिष्ठ भाजपा नेता बैजयंत जय पांडा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि आपके पास अच्छे वक्ता हैं, लेकिन पार्टी उन्हें बोलने नहीं दे रही। मेरे मित्र शशि थरूर जी बहुत अच्छे वक्ता हैं, लेकिन उन्हें आपकी पार्टी बोलने ही नहीं दे रही है।