Advertisement

जो भारत माता की जय बोलेंगे वही इस देश में रह पाएंगे: धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केवल "भारत माता की जय" कहने वाले ही भारत में रहेंगे।...
जो भारत माता की जय बोलेंगे वही इस देश में रह पाएंगे: धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केवल "भारत माता की जय" कहने वाले ही भारत में रहेंगे। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध करने वालों से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि क्या इस देश को हम धर्मशाला बनाएंगे?

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 54 वें राज्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा, ‘क्या अब हम हमारे देश को धर्मशाला बनाने जा रहे हैं, जहां कोई भी बिना रोक-टोक के घूम सके।' बीजेपी नेता ने कहा, ‘इसलिए हमें यह चुनौती स्वीकार करनी होगी और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल वे लोग ही यहां रह सकें जो ‘भारत माता की जय' कहने के लिए तैयार हैं।'

प्रधान से पूछा, "क्या भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिए गए बलिदान बेकार जाएंगे? क्या लोगों ने आजादी के लिए इसलिए लड़ाई की ताकि आजादी के 70 साल बाद देश इस पे विचार करेगा कि नागरिकता गिनें या ना गिनें? क्या हम इस देश को धर्मशाला बनाएंगे?"

गौरतलब है कि सीएए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को नागरिकता देता है, जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत आए थे।

सीएए मानवतावादी कानून है : भाजपा

भाजपा ने संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) भारत में शरण लिये हुए बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों की दशा सुधारने पर लक्षित एक मानवतावादी कदम है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर सीएए के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए भाजपा के उप महासचिव (संगठन) शिवप्रकाश ने कहा कि यह संशोधित कानून पारित कराकर केंद्र ने राष्ट्रीय कर्तव्य पूरा किया है। भाजपा नेता ने सीएए पर एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ यह दयालुता का कृत्य नहीं है। यह राष्ट्रीय कर्तव्य को पूरा करना है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान नेहरू-लियाकत संधि के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहा इसलिए भारत को सीएए लाना पड़ा। उन्होंने कहा कि उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों का बहुत बड़ा हिस्सा दलित और महिलाएं हैं।

कांग्रेस ने किया विरोध

दूसरी ओर, अपने 134 वें स्थापना दिवस पर, कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि यह नोटबन्दी से बड़ा झटका होगा जिससे बहुत ज्यादा नुकसान होगा।

गांधी ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ' ये (एनआरसी और एनपीआर) नोटबन्दी नंबर 2 है। इससे हिंदुस्तान के गरीबों को बहुत नुकसान होने जा रहा है। नोटबन्दी तो भूल जाइये, ये उससे दोगुना झटका होगा। इसमें हर गरीब आदमी से पूछा जाएगा कि वह हिंदुस्तान का नागरिक है या नहीं। लेकिन उनके जो 15 दोस्त हैं उनको कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।"

उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी और एनपीआर की प्रक्रिया से भी सरकार के कुछ 'पूंजीपति मित्रों ' को फायदा होगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad