विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के 20 विपक्षी दलों के फैसले को शुक्रवार को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा कि राजनीति करने की एक सीमा होनी चाहिए।
गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर आए जयशंकर नर्मदा जिले के राजपिपला कस्बे में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नये संसद भवन के उद्घाटन का जश्न पूरे देश को एक उत्सव के रूप में मनाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई, रविवार को नये संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं।
विपक्षी दलों का तर्क है कि संसद के नये भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए क्योंकि वह न केवल गणराज्य की प्रमुख हैं, बल्कि संसद की भी प्रमुख हैं क्योंकि वह उसे आहूत करती हैं, सत्रावसान करती हैं और उसे संबोधित करती हैं।
जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि नये संसद भवन के उद्घाटन को लोकतंत्र के त्योहार के रूप में लिया जाना चाहिए और इसका जश्न उसी भावना से मनाया जाना चाहिए। इसे विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए। अगर यह विवाद का विषय बन जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कुछ लोग (विवाद पैदा करने की) कोशिश कर रहे हैं । लेकिन मेरा मानना है कि राजनीति में लिप्त होने की एक सीमा होनी चाहिए। कम से कम ऐसे अवसरों पर पूरे देश को एक साथ आना चाहिए और इस त्योहार को मनाना चाहिए।’
अपने गुजरात दौरे में, जयशंकर का नर्मदा जिले के उन चार गांव जाने का कार्यक्रम है, जिन्हें उन्होंने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया है।