Advertisement

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण, विपक्ष पुनर्विचार करे: प्रह्लाद जोशी

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के 19...
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण, विपक्ष पुनर्विचार करे: प्रह्लाद जोशी

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के 19 विपक्षी दलों के फैसले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए बुधवार को उनसे अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी दल गैर-मुद्दे को मुद्दा बना रहे हैं और पूर्व में भी प्रधानमंत्रियों ने संसद भवन परिसर में इमारतों का उद्घाटन किया है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं।

विपक्षी दलों का तर्क है कि नए संसद भवन के उद्घाटन का सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मिलना चाहिए क्योंकि राष्ट्रपति न केवल राष्ट्राध्यक्ष होते हैं, बल्कि वह संसद का अभिन्न अंग भी हैं क्योंकि वही संसद सत्र आहूत करते हैं, उसका अवसान करते हैं और साल के पहले सत्र के दौरान दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित भी करते हैं।

जोशी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘बहिष्कार करना और गैर-मुद्दे को मुद्दा बनाना सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं उनसे इस फैसले पर पुनर्विचार करने और समारोह में शामिल होने की अपील करता हूं।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह के लिए सभी राजनीतिक दलों को निमंत्रण भेजा गया है और वे अपने विवेक से इस संबंध में फैसला लेने को स्वतंत्र हैं।

जोशी ने कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष संसद के संरक्षक हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री को संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया है।’’ उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन एक ऐतिहासिक अवसर है, लिहाजा ऐसे में इसका राजनीतिकरण करना अच्छी बात नहीं है।

जोशी ने कहा, ‘‘करीब सौ साल बाद एक ऐतिहासिक चीज हो रही है।’’

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 24 अक्टूबर 1975 को संसदीय सौध का उद्घाटन किया था जबकि उनके उत्तराधिकारी राजीव गांधी ने 15 अगस्त 1987 को संसद के पुस्तकालय की आधारशिला रखी थी।

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक उद्योग कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस सरकार द्वारा रिकॉर्ड समय में एक नया संसद भवन बनाया गया है। उन्होंने कहा, ‘… और यहां तक कि पिछली सरकारों में भी आपने ऐसे प्रधानमंत्रियों को देखा है, जिन्होंने पहले या तो उद्घाटन किया है या आधारशिला रखी है। इस समय, अगर पार्टियां इस क्षुद्रता के बारे में सोच रही हैं, तो मुझे नहीं लगता कि यह सही तरीका है और उन्हें (इस पर) विचार करना चाहिए।’

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad