लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को सदन में नारेबाजी करने वाले विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा कि जनता ने उन्हें ‘मेज तोड़ने’ के लिए नहीं, बल्कि प्रश्न पूछने के लिए सदन में भेजा है। बजट सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।
लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बीच नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा इस विषय का उल्लेख राष्ट्रपति महोदया ने अपने अभिभाषण में किया था। आप लोग अभिभाषण पर चर्चा के दौरान यह विषय रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है जिसमें सरकार की जवाबदेही तय की जा सकती है।
समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य जब आसन के निकट पहुंचकर जोरदार नारेबाजी करने लगे तो बिरला ने कहा आपको जनता ने मेज तोड़ने के लिए नहीं भेजा है। प्रश्न पूछने के लिए भेजा है। उन्होंने कहा अगर इसीलिए (मेज तोड़ने के लिए) भेजा है तो जोर-जोर से मारिये। बिरला ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की।
उन्होंने प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद विपक्षी सदस्यों से कहा मैं आप सबसे आग्रह करना चाहता हूं कि आप जिन भी विषयों को उठाना चाहते हैं, राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा में उन सभी को उठा सकते हैं। आपको पर्याप्त समय और अवसर दिया जाएगा।
बिरला ने कहा कि कई मंचों पर यह निर्णय हुआ है कि प्रश्नकाल स्थगित नहीं होना चाहिए, यह सभी सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अन्य मुद्दे प्रश्नकाल के बाद उठाए जाने की परंपरा कायम की जानी चाहिए।
उन्होंने हंगामा करने वाले सदस्यों से मुखातिब होते हुए कहा हम संकल्प लें कि प्रश्नकाल कभी स्थगित नहीं हो…. यह मेरा आग्रह है। लेकिन, यदि आप नारेबाजी करने आए हैं, संसद को नियोजित तरीके से स्थगित कराने आए हैं, मेजें थपथपाने आए हैं तो मैं आपसे कुछ नहीं कह सकता। मैं आग्रह ही कर सकता हूं।
उन्होंने कहा अगर आपको देश की जनता ने नारेबाजी के लिए भेजा है तो यही काम करिये। यदि सदन चलाना चाहते हैं तो अपनी सीट पर जाकर बैठिए। विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘मोदी योगी शेम शेम’ के नारे लगाए।
मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सरकार ने इस घटना में मृतकों का सही आंकड़ा नहीं बताया।