कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को दावा किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में दो लाख से अधिक नौकरियों को ‘खत्म कर’ दिया गया है।
राहुल ने आरोप लगाया कि सरकार अपने कुछ ‘पूंजीपति मित्रों’ के फायदे के लिए लाखों युवाओं की उम्मीदें कुचल रही है।उन्होंने कहा कि पीएसयू भारत का गौरव और रोजगार के लिए हर युवा का सपना हुआ करते थे, लेकिन आज वे ‘सरकार की प्राथमिकता नहीं हैं।’
उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) में 1,81,127, सेल (भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड) में 61,928 , एमटीएनएल (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड) में 34,997, एसईसीएल (दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड) में 29,140, एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) में 28,063 और ओएनजीसी (तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड) में 21,120 नौकरियां कम हुईं।’’
राहुल ने सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि हर साल दो करोड़ रोजगार देने का झूठा वादा करने वालों ने नौकरियां बढ़ाने की जगह दो लाख से अधिक नौकरियां ‘खत्म कर’ दीं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा इन संस्थानों में संविदा पर भर्तियां लगभग दोगुनी कर दी गईं। क्या संविदा कर्मचारी बढ़ाना आरक्षण का संवैधानिक अधिकार छीनने का तरीका नहीं है? क्या यह आखिरकार इन कंपनियों के निजीकरण की साजिश है?’’
राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘उद्योगपतियों का ऋण माफ और पीएसयू से सरकारी नौकरियां साफ। ये कैसा अमृतकाल?’’
उन्होंने सवाल किया कि अगर यह वाकई में ‘अमृतकाल’, है तो नौकरियां इस तरह गायब क्यों हो रही हैं?
राहुल ने कहा, ‘‘देश इस सरकार के शासन में रिकॉर्ड बेरोजगारी से जूझ रहा है, क्योंकि लाखों युवाओं की उम्मीदों को कुछ पूंजीपति मित्रों के फायदे के लिए कुचला जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत के पीएसयू को अगर सरकार से सही वातावरण और समर्थन मिले, तो वे अर्थव्यवस्था और रोजगार दोनों को बढ़ाने में सक्षम हैं।
राहुल ने कहा, ‘‘पीएसयू देश और देशवासियों की संपत्ति हैं। उन्हें आगे बढ़ाना होगा, ताकि वे भारत की प्रगति के मार्ग को मजबूत कर सकें।’’