लोकसभा और राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में घमासान जारी है। मणिपुर की स्थिति को लेकर लगातार हंगामा हो रहा है। अब INDIA गठबंधन की एक टीम पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करने वाली है। इधर, आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार से दो बड़े सवाल किए हैं और साथ ही सत्ता पक्ष को लोकसभा की परंपरा याद दिलाते हुए स्पीकर के समक्ष अपनी मांग रखी।
आप सांसद ने कहा, "लोकसभा की परंपरा, इतिहास और कानून के लिहाज़ से, यदि एक बार अविश्वास प्रस्ताव जमा करा दिया जाता है और उसे सभापति द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है, तो कोई विधेयक पेश नहीं किया जा सकता। लेकिन हम लेकिन हम देख रहे हैं कि संसद में कई विधेयक पेश और पारित किये गए हैं। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि अब लोकसभा में कोई विधायी कामकाज नहीं होना चाहिए।"
बता दें कि मणिपुर की 4 मई की एक शर्मनाक घटना की वीडियो हाल में वायरल हो गई थी, जिसमें आदमियों के एक समूह द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाते देखा गया। इस घटना की सीबीआई जांच की जानकारी पर राघव चड्ढा ने कहा, "मणिपुर वायरल वीडियो मामले को 85 दिनों के बाद सीबीआई को सौंपने के लिए बहुत कम, बहुत देर हो चुकी है।''
उन्होंने ताज्जुब करते हुए कहा कि आखिर अभी तक वहां की सरकार को बर्खास्त क्यों नहीं किया गया है। आप सांसद ने दो सवाल पूछे, "मणिपुर दो लोकसभा सीटों वाला राज्य है। अगर यह उत्तर प्रदेश या बिहार जैसा बड़ा राज्य होता तो क्या पीएम या केंद्र सरकार का कोई मंत्री वहां नहीं जाता ? अगर मणिपुर में गैर भाजपाई सरकार होती तो अभी तक वहां राष्ट्रपति शासन नहीं लग चुका होता ? मुझे लगता है यह सारी चीज़ें राजनीति से प्रेरित हैं।"
#WATCH | AAP MP Raghav Chadha, says "No bill is introduced in Parliament after a no-confidence motion is accepted by the Lok Sabha Speaker, but we are seeing that several bills are introduced and passed in Parliament. I appeal to the Speaker that no legislative business should… pic.twitter.com/lC09TH5sEj
— ANI (@ANI) July 28, 2023
वहीं, मणिपुर की स्थिति पर संसद में विस्तृत चर्चा की मांग के बीच I.N.D.I.A गठबंधन से संबंधित विपक्षी सांसदों की एक टीम 29 और 30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करने वाली है। इसपर राघव चड्ढा ने कहा, "I.N.D.I.A ब्लॉक का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के लोगों को समर्थन प्रदान करने और उनके साथ एकजुटता दिखाने की आशा के साथ मणिपुर का दौरा करेगा।"
उन्होंने कहा, "हमारा प्रतिनिधिमंडल इस मंशा से मणिपुर जाएगा कि वहां की वर्तमान स्थिति को करीब से देखा जा सके। पीड़ितों के कंधों से कंधा मिलाकर हम चलने की कोशिश करेंगे और उनके आंसुओं को पूछेंगे। बाद में मणिपुर से लौटकर संसद में केंद्र सरकार को पूरी स्थिति से अवगत कराएंगे।"
गौरतलब है कि 20 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र अभी तक अधिक कामकाज देखने में सफल नहीं रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि मणिपुर को लेकर गतिरोध लगातार जारी है।